SEBI Warning On Digital Gold : आजकल UPI ऐप्स से 10 रुपये में डिजिटल गोल्ड खरीदना बहुत आसान हो गया है, लेकिन यह सहूलियत आपको महंगी भी पड़ सकती है। मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने ई-गोल्ड (E-Gold) की बढ़ती लोकप्रियता के बीच निवेशकों को बड़ी चेतावनी दी है। सेबी ने साफ कहा है कि ये प्रोडक्ट उसके दायरे से बाहर हैं, इसलिए इसमें निवेश जोखिम भरा हो सकता है।
सेबी के दायरे में नहीं है डिजिटल गोल्ड
सेबी ने एक प्रेस रिलीज में स्पष्ट किया है कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म निवेशकों को ई-गोल्ड उत्पाद बेच रहे हैं, लेकिन ये न तो ‘सिक्योरिटीज’ हैं और न ही ‘कमोडिटी डेरिवेटिव्स’ के तहत आते हैं। इसका मतलब है कि ये सेबी द्वारा रेग्युलेटेड नहीं हैं।
पैसे फंसे तो कोई नहीं करेगा मदद
रेग्युलेटर ने जोर देकर कहा है कि अगर डिजिटल गोल्ड खरीदने वाले निवेशकों के साथ कोई धोखाधड़ी होती है, या कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो उन्हें सेबी के ‘इन्वेस्टर सेफ्टी सिस्टम’ के तहत कोई मदद नहीं मिलेगी। ऐसे विवादों में सिक्योरिटी मार्केट सिस्टम काम नहीं आएगा और निवेशक के पैसे फंस सकते हैं।
क्यों पॉपुलर है ई-गोल्ड?
युवाओं के बीच डिजिटल गोल्ड काफी पॉपुलर है क्योंकि इसे बहुत कम पैसों (महज 10 रुपये) में भी खरीदा जा सकता है। गूगल पे, पेटीएम, फोनपे जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए इसे खरीदना और बेचना बेहद आसान है। निवेशक इसे बाद में फिजिकल गोल्ड (सिक्के/बार) में भी बदल सकते हैं।
सेबी की सलाह: यहां करें सुरक्षित निवेश
एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि डिजिटल गोल्ड में जोखिम है। सेबी ने सलाह दी है कि अगर आप सोने में सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) या ईजीआर (Electronic Gold Receipt) जैसे रेग्युलेटेड विकल्पों का इस्तेमाल करें। ये विकल्प सेबी के सुरक्षा ढांचे के दायरे में आते हैं।
मुख्य बातें (Key Points):
- सेबी ने डिजिटल गोल्ड खरीदने वालों को चेतावनी दी है, यह रेग्युलेटेड नहीं है।
- धोखाधड़ी या कंपनी के डूबने पर सेबी निवेशकों की कोई मदद नहीं कर पाएगा।
- डिजिटल गोल्ड को UPI ऐप्स से 10 रुपये में भी खरीदा जा सकता है, जो युवाओं में लोकप्रिय है।
- सेबी ने सुरक्षित निवेश के लिए Gold ETF या EGR का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।






