Punjab Transport Strike : पंजाब में 31 अक्टूबर को एक बार फिर आम यात्रियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। राज्य के सरकारी परिवहन (पंजाब रोडवेज, पनबस और PRTC) के ठेका कर्मचारियों ने ‘किलोमीटर स्कीम’ के जरिए किए जा रहे निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूनियन ने 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे के बाद राज्य भर में ‘चक्का जाम’ करने की चेतावनी दी है।
पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन के अध्यक्ष जोध सिंह ने परिवहन विभाग और तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों को एक सख्त चेतावनी पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि अगर 31 अक्टूबर को विभाग ‘किलोमीटर स्कीम’ के तहत बसों को शामिल करने के लिए कोई नया टेंडर जारी करता है, तो कर्मचारी तुरंत सभी बसों का संचालन रोक देंगे।
‘निजीकरण’ और ‘पक्का’ न होना, गुस्से का मुख्य कारण ठेका कर्मचारियों का गुस्सा दोगुना है। पहला, उनका आरोप है कि सरकार “किलोमीटर स्कीम” की आड़ में निजी बस ऑपरेटरों को लाभ पहुंचाकर सरकारी परिवहन का निजीकरण कर रही है। दूसरा, कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें स्थायी करने के लिए जरूरी सभी दस्तावेज पहले ही विभाग को सौंपे जा चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी फाइलें जानबूझकर रोकी जा रही हैं।
यह ‘किलोमीटर स्कीम’ पंजाब में लंबे समय से विवाद का केंद्र रही है। इस स्कीम के तहत, सरकार निजी बस ऑपरेटरों से बसें किराए पर लेती है और उन्हें ‘प्रति किलोमीटर’ के हिसाब से भुगतान करती है। कर्मचारी यूनियनों का तर्क है कि यह सरकारी खजाने को लूटने और धीरे-धीरे सरकारी बस सेवाओं को खत्म करने की साजिश है। यूनियनों के कड़े विरोध के कारण ही पिछले दो बार इस स्कीम के टेंडर रद्द करने पड़े थे, लेकिन विभाग द्वारा बार-बार इसे वापस लाने से कर्मचारी नाराज हैं।
आम जनता होगी परेशान इस चक्का जाम का सीधा असर रोजाना यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों पर पड़ेगा। 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे के बाद बसें बंद होने से विद्यार्थियों, नौकरीपेशा लोगों और ग्रामीण क्षेत्रों के यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
खबर की मुख्य बातें (Key Points)
- 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे के बाद पंजाब में सरकारी बसें (रोडवेज, पनबस, PRTC) बंद करने की चेतावनी।
- हड़ताल का मुख्य कारण ‘किलोमीटर स्कीम’ (निजीकरण) के खिलाफ विरोध और स्थायी नौकरी की मांग है।
- यूनियन ने 31 अक्टूबर को नया टेंडर जारी होने पर तत्काल ‘चक्का जाम’ की चेतावनी दी है।
- यूनियन के विरोध के कारण पहले भी दो बार इस स्कीम के टेंडर रद्द हो चुके हैं।






