Bihar Election Controversy : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का प्रचार अपने सबसे तीखे दौर में पहुँच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई एक विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उनके ‘डांस’ वाले बयान के खिलाफ चुनाव आयोग (Election Commission) में औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी है।
क्या है पूरा मामला? यह विवाद 29 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर में हुई एक चुनावी रैली से शुरू हुआ। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था, “चुनाव से पहले अगर 200 लोग कहें तो पीएम मोदी वोट के लिए मंच पर नाचने लगेंगे, भरतनाट्यम भी कर लेंगे, लेकिन चुनाव जीतते ही नजर नहीं आएंगे।”
BJP ने शिकायत में क्या कहा? राहुल गांधी के इसी बयान पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी की बिहार इकाई ने इसे प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला और मतदाताओं को भड़काने का प्रयास बताया है।
बीजेपी ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह टिप्पणी आदर्श आचार संहिता (MCC) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123(4) का घोर उल्लंघन है। बीजेपी नेताओं ने इसे “हताशा में की गई अभद्र टिप्पणी” करार दिया है।

यह सिर्फ चुनाव आयोग तक सीमित नहीं है। इस बयान को लेकर बिहार में राजनीतिक घमासान मच गया है। पीएम मोदी ने खुद इस ‘डांस’ वाली टिप्पणी को ‘छठी मैया के अपमान’ से जोड़कर एक भावनात्मक मुद्दा बना दिया है। इसके अलावा, मुजफ्फरपुर कोर्ट में वकील सुधीर ओझा द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ एक अलग परिवाद (Complaint) भी दाखिल किया गया है, जिसने इस राजनीतिक लड़ाई को कानूनी मोड़ भी दे दिया है।
BJP की चुनाव आयोग से 3 मांगें बीजेपी ने चुनाव आयोग से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनकी मुख्य मांगें हैं:
- राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।
- उनसे इस बयान के लिए बिना शर्त सार्वजनिक माफी मंगवाई जाए।
- उन्हें एक निर्धारित अवधि के लिए चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित (Ban) किया जाए।
खबर की मुख्य बातें (Key Points)
- BJP ने राहुल गांधी के ‘PM मोदी नाच लेंगे’ वाले बयान के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
- राहुल ने यह विवादित टिप्पणी 29 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर की रैली में की थी।
- बीजेपी ने इसे MCC का उल्लंघन और प्रधानमंत्री पद का अपमान बताया है।
- पार्टी ने राहुल गांधी से सार्वजनिक माफी मांगने और उनके प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।






