PM Modi ASEAN Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आसियान शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit) में शामिल न होने को लेकर सियासी और कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के मलेशिया (Malaysia) न जाने के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ा एक संभावित विवाद कारण बन सकता था। हालाँकि, भारत सरकार की ओर से इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
यह सम्मेलन ऐसे समय पर आयोजित हो रहा था जब भारत और अमेरिका (India-US) के बीच टैरिफ (Tariff) के मुद्दे पर तनाव बढ़ा हुआ था। ऐसे में आशंका थी कि ट्रंप सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर (Ceasefire) को लेकर फिर से कोई विवादास्पद बयान दे सकते थे।
ट्रंप और सीजफायर विवाद की पृष्ठभूमि
ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अधिकारियों को आशंका थी कि ट्रंप एक बार फिर यह दावा दोहरा सकते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम उनकी मध्यस्थता से हुआ। जबकि भारत ने साफ कहा था कि संघर्ष विराम पाकिस्तान के डीजीएमओ (DGMO) के अनुरोध पर दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत से हुआ था। इसके विपरीत, ट्रंप का कहना था कि उन्होंने व्यापार का हवाला देकर दोनों देशों को संघर्ष रोकने के लिए राजी किया था।
बिहार चुनाव से जुड़ा ‘पॉलिटिकल रिस्क’
एक और बड़ा कारण बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) को माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मोदी सरकार नहीं चाहती थी कि चुनाव से ठीक पहले ट्रंप की किसी टिप्पणी से राजनीतिक विवाद खड़ा हो। बिहार में प्रधानमंत्री मोदी भाजपा (BJP) का मुख्य चेहरा हैं। ऐसे में, यदि ट्रंप ने पाकिस्तान को लेकर कोई अप्रत्याशित बयान दे दिया होता, तो विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना सकता था।
सम्मेलन से दूरी पर उठे सवाल
2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी लगभग हर आसियान सम्मेलन में शामिल रहे हैं। केवल कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के दौरान 2020 और 2021 में वे वर्चुअल (Virtual) रूप से उपस्थित रहे। इस बार भी उन्होंने रविवार को वर्चुअल माध्यम से संबोधन दिया, लेकिन मलेशिया की यात्रा नहीं की।
मंगलवार को ट्रंप ने एक बार फिर अपने पुराने बयान को दोहराया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को संघर्ष विराम के लिए समझाया था। ट्रंप ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी से कहा कि अगर आप लड़ते रहेंगे तो हम व्यापार नहीं कर सकेंगे।”
भारत-पाकिस्तान का अलग रुख
भारत ने इस पूरे मामले पर स्पष्ट किया है कि संघर्ष विराम पूरी तरह द्विपक्षीय निर्णय था और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी। जबकि पाकिस्तान ने उल्टा दावा करते हुए इसका श्रेय ट्रंप को दिया और यहां तक कि उन्हें नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नामित भी किया। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका ने भारत की तुलना में पाकिस्तान पर कम टैरिफ लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक असमानता पर भी चर्चा तेज है।
आसियान शिखर सम्मेलन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन का वार्षिक सम्मेलन है, जिसमें एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होती है। भारत इसके प्रमुख साझेदारों में शामिल है। पीएम मोदी का इसमें शामिल न होना न सिर्फ कूटनीतिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बड़ा कदम माना जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points):
-
पीएम मोदी का आसियान सम्मेलन में शामिल न होना कूटनीतिक और राजनीतिक चर्चा का विषय बना।
-
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत को डर था कि ट्रंप पाकिस्तान को लेकर विवादित बयान दे सकते हैं।
-
बिहार चुनाव से पहले किसी बयान से राजनीतिक नुकसान की आशंका थी।
-
भारत ने स्पष्ट किया कि सीजफायर पूरी तरह द्विपक्षीय निर्णय था, ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी।






