Kangana Ranaut Defamation Case को लेकर सोमवार को अभिनेत्री कंगना रनौत पंजाब के बठिंडा कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं। कोर्ट में पेशी के दौरान कंगना ने कहा कि इस पूरे मामले में एक बड़ी “गलतफहमी (misunderstanding)” हुई है। उन्होंने साफ कहा, “मैंने कभी किसी मां का अपमान नहीं किया, मेरे लिए हर मां आदरणीय है।”

कोर्ट ने खारिज की थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अर्जी
कंगना रनौत ने पहले अदालत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी यह अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद उन्हें सोमवार को बठिंडा में खुद अदालत में उपस्थित होना पड़ा। पेशी के बाद मीडिया से बातचीत में कंगना ने कहा कि “माता जी को गलतफहमी हुई है। मैंने उनके लिए कोई अपमानजनक बात नहीं कही। मेरे ट्वीट को गलत संदर्भ में देखा गया।”
“मैंने बुजुर्ग मां से बात की, खेद है अगर कोई आहत हुआ”
कंगना ने आगे कहा कि उन्होंने इस मामले में महिंदर कौर के पति से भी बात की थी। उनका कहना है कि यह पूरा मामला एक री-ट्वीट किए गए मीम से जुड़ा है, जिसका उनके निजी विचारों से कोई संबंध नहीं था। “देश में उस वक्त कई आंदोलन चल रहे थे, और मेरा ट्वीट एक सामान्य टिप्पणी थी,” कंगना ने कहा। उन्होंने कहा कि अगर किसी को उनकी बात से ठेस पहुंची है, तो उन्हें उसका खेद है।
कंगना की सुरक्षा बढ़ाई गई, कोर्ट परिसर में कड़ा पहरा
कंगना के कोर्ट पहुंचने से पहले ही पंजाब पुलिस ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम कर लिए थे। कोर्ट के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। किसान संगठनों के विरोध की आशंका को देखते हुए नाकेबंदी और सुरक्षा घेरा भी लगाया गया।
रास्ता भटका काफिला, जींद पहुंच गईं कंगना
दिल्ली से बठिंडा की ओर जाते हुए कंगना का काफिला रास्ता भटक गया। वे सोनीपत से जींद पहुंच गईं, जहां करीब आधा घंटे के विश्राम के बाद फतेहाबाद होते हुए उन्हें बठिंडा रवाना किया गया।
2021 के किसान आंदोलन से जुड़ा है मामला
यह मामला 2021 के किसान आंदोलन (Farmers Protest) से जुड़ा है। उस दौरान कंगना ने एक ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए आंदोलन में शामिल एक बुजुर्ग महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उस महिला का नाम महिंदर कौर था, जो बठिंडा के बहादुरगढ़ जंडिया गांव की रहने वाली हैं। कंगना ने ट्वीट में लिखा था कि यह वही “दादी” हैं जिन्हें टाइम मैगज़ीन ने फीचर किया था और “100 रुपये में उपलब्ध” बताया था।
महिंदर कौर ने इसे लेकर मानहानि का केस (defamation case) दायर किया था। उन्होंने कहा था कि कंगना ने उन्हें शाहीन बाग वाली बिल्किस बानो के रूप में गलत ढंग से पेश किया है। कंगना इस केस को रद्द करवाने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गईं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
CISF Constable ने मारा था थप्पड़ — जुड़ा था यही विवाद
इसी विवाद से जुड़ी एक और घटना जून 2024 में सामने आई थी, जब चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने कंगना को थप्पड़ मार दिया था। बाद में उसने बताया कि ऐसा उसने इसलिए किया क्योंकि कंगना ने किसान महिलाओं को “100 रुपए लेकर धरने पर बैठने वाली” कहा था, और धरने में उसकी मां भी शामिल थीं।
कंगना रनौत का नाम हमेशा विवादों में रहा है—चाहे बॉलीवुड इंडस्ट्री पर उनके बयान हों या राजनीतिक मुद्दों पर उनकी खुली राय। किसान आंदोलन के समय दिया गया उनका बयान पंजाब में गुस्से की वजह बना। अब अदालत में पेश होकर उन्होंने पहली बार सीधे तौर पर स्वीकार किया है कि बयान को गलत समझा गया था। उनके इस बयान ने देश में फिर से फ्री स्पीच बनाम पब्लिक सेंटिमेंट की बहस को जन्म दे दिया है।
मुख्य बातें (Key Points):
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कंगना रनौत बठिंडा कोर्ट में मानहानि केस में हुईं पेश।
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कहा— बुजुर्ग किसान मां को गलतफहमी हुई, हर मां का करती हूं सम्मान।
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कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अर्जी खारिज की।
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भारी सुरक्षा में पेश हुईं कंगना, कोर्ट के बाहर नाकेबंदी।
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केस 2021 के किसान आंदोलन के ट्वीट विवाद से जुड़ा है।






