SIR Phase 2 Election Commission ने सोमवार को देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस चरण में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची को अपडेट करने और पुराने डेटा को शुद्ध करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके साथ ही, आज रात 12 बजे से मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा।
मतदाता सूची अपडेट और त्रुटि सुधार पर जोर
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे, मृत या स्थानांतरित लोगों के नाम हटाए जाएंगे और गलत प्रविष्टियों को दुरुस्त किया जाएगा। आयोग ने सभी राज्यों को इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
टाइमलाइन और प्रक्रिया का पूरा शेड्यूल जारी
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण संबंधी कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक होंगे। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे।
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प्रारंभिक मतदाता सूची 9 दिसंबर 2025 को जारी होगी।
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दावे और आपत्तियां 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक ली जाएंगी।
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सत्यापन और सुनवाई प्रक्रिया 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगी।
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अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा।
लिंकिंग और मैचिंग से होगी सटीकता की जांच
चुनाव आयोग ने इस बार मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए “लिंकिंग और मैचिंग सिस्टम” लागू किया है। इसमें वर्ष 2004 की वोटर लिस्ट को आधार बनाकर परिवार के अन्य सदस्यों के नामों का सत्यापन किया जाएगा। यदि किसी परिवार का एक सदस्य पहले से सूची में है, तो बाकी सदस्यों के नाम उसी से जोड़े जाएंगे।
SIR क्या है और क्यों जरूरी है
SIR (Special Intensive Revision) चुनाव आयोग की एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है।
इस प्रक्रिया में —
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18 वर्ष से अधिक आयु के नए मतदाताओं को जोड़ा जाता है।
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मृत या पलायन कर चुके मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं।
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पते और विवरण की गलतियों को सुधारा जाता है।
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BLO घर-घर जाकर फॉर्म भरवाते हैं, जिसमें राजनीतिक दलों के एजेंट भी सहयोग करते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि निरंतर पलायन, दोहरी एंट्री और फर्जी पंजीकरण जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए यह प्रक्रिया बेहद आवश्यक है।
भारत में मतदाता सूचियों के अद्यतन का इतिहास 1951 से 2004 तक फैला है, जब आठ बार SIR आयोजित किए गए। लेकिन 2004 के बाद लंबे अंतराल के बाद यह प्रक्रिया दोबारा शुरू की जा रही है। पिछली बार बिहार में 2003 की वोटर लिस्ट को आधार बनाकर यह रिवीजन किया गया था। अब चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि नई मतदाता सूची 2026 से पहले पूरी तरह अद्यतन और पारदर्शी हो जाए।
मुख्य बातें (Key Points):
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चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में SIR के दूसरे चरण की घोषणा की।
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आज रात 12 बजे से मतदाता सूची फ्रीज कर दी जाएगी।
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BLO द्वारा घर-घर सर्वेक्षण 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा।
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7 फरवरी 2026 को अंतिम वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी।
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लिंकिंग और मैचिंग से पुराने रिकॉर्ड के आधार पर सत्यापन होगा।






