Deepfake Video Case में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को लेकर बड़ा फैसला आया है। मोहाली कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स—फेसबुक, X (पूर्व ट्विटर), यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम—को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री मान की फर्जी और आपत्तिजनक वीडियो 24 घंटे के भीतर हटाई जाए। यह आदेश उन सभी अकाउंट्स पर लागू होगा जिन्होंने डीपफेक वीडियो शेयर की थी या आगे प्रसारित की थी।
कोर्ट का कड़ा रुख
मोहाली की अदालत ने स्पष्ट किया है कि ऐसे वीडियो केवल मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि समाज में गलत संदेश फैलाते हैं। इसलिए इस पर सख्त कार्रवाई जरूरी है। अदालत ने गूगल को भी आदेश दिया है कि ऐसे किसी भी फेक वीडियो या संबंधित कंटेंट को सर्च रिजल्ट से हटा दिया जाए, ताकि लोग उसे खोज न सकें या शेयर न करें।
24 घंटे में हटाने के आदेश
कोर्ट ने सभी प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया है कि जैसे ही साइबर क्राइम विभाग किसी फेक वीडियो या उससे मिलते-जुलते पोस्ट की जानकारी दे, उसे तुरंत हटाया जाए या ब्लॉक किया जाए। अदालत ने कहा कि यह कार्रवाई 24 घंटे के भीतर पूरी होनी चाहिए।
इसके अलावा कोर्ट ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस कार्रवाई पर 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश की जाए।
हाल ही में सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भगवंत मान की एक डीपफेक वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें उनके नाम से आपत्तिजनक बयान प्रसारित किए जा रहे थे। इस वीडियो के बाद पंजाब सरकार ने साइबर क्राइम विभाग को जांच सौंपी थी। डीपफेक तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल ने राजनीति और समाज दोनों में चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि इससे नेताओं और आम लोगों की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हो सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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मोहाली कोर्ट ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की फर्जी वीडियो हटाने के आदेश दिए।
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फेसबुक, X, यूट्यूब, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम को 24 घंटे में कंटेंट हटाने का निर्देश।
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गूगल को सर्च रिजल्ट से डीपफेक वीडियो हटाने के आदेश दिए गए।
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साइबर क्राइम विभाग को 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया।






