चंडीगढ़, 23 अक्तूबर (The News Air) भाजपा शासित दिल्ली सरकार के एक कैबिनेट मंत्री द्वारा खेतों में पराली जलाने को लेकर लगाए गए निराधार और भ्रामक आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए, पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमन अरोड़ा ने इस बयान को मात्र “दुष्प्रचार” करार देते हुए कहा कि यह पंजाब और उसके किसानों को बदनाम करने की एक निंदनीय कोशिश है।
गुरुवार शाम पंजाब भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्री अमन अरोड़ा ने दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने पंजाब पर “बलि का बकरा बनाए जाने” के शर्मनाक और निराधार बयान दिए थे। श्री अरोड़ा ने कहा कि यह बयान उनके “निम्न मानसिक स्तर और संकुचित सोच” को दर्शाता है।
श्री अरोड़ा ने कहा, “भाजपा शासित सरकारें पंजाब, पंजाबियों और हमारे किसानों को बदनाम करने पर आमादा हैं। श्री सिरसा के हालिया आरोप, जिनमें उन्होंने दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब को खुलेआम जिम्मेदार ठहराया और इसे पंजाब सरकार की साजिश बताया, न केवल झूठे हैं बल्कि पंजाब और उसके लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने की सोची-समझी साजिश हैं।”
भारत सरकार की संस्थाओं — सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग डेटा और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों का हवाला देते हुए, श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि 21 अक्तूबर 2025 तक पंजाब में पिछले चार वर्षों की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है । भारत सरकार के अपने आंकड़े दर्शाते हैं कि 2021 में जहां 597 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर केवल 62 रह गई (2022 में 393, 2023 में 146 और 2024 में मात्र 65 मामले दर्ज हुए)। यह 10 गुना कमी है, जो मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार के सामूहिक प्रयासों और पंजाब के किसानों के अथाह सहयोग से हासिल हुई एक बड़ी उपलब्धि है।
ये आंकड़े भाजपा मंत्री श्री सिरसा के झूठे दावों को पूरी तरह खारिज करते हैं और उन्हें स्पष्ट रूप से बेनकाब करते हैं। श्री अरोड़ा ने कहा कि उनके आरोप पूरी तरह निराधार और वास्तविकता से कोसों दूर हैं।
श्री अमन अरोड़ा ने आगे बताया कि 15 सितंबर से 21 अक्तूबर तक पंजाब के खेतों में पराली जलाने की केवल 415 घटनाएं दर्ज हुईं, जबकि वर्ष 2021 में यह संख्या 4,327 थी — यानी लगभग 90 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने पंजाब के विकास की तुलना भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश से करते हुए कहा कि 2021 में वहां पराली जलाने की 554 घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो इस वर्ष बढ़कर 660 हो गईं हैं — और भाजपा इस सच्चाई को छिपाना चाहती है।
श्री अरोड़ा ने कहा कि यह आंकड़े भाजपा शासित सरकारों की पंजाब, उसके लोगों और किसानों के प्रति गहरी नफरत को उजागर करते हैं। हमारे प्रयासों को स्वीकार करने के बजाय वे लगातार झूठे आरोप लगा रहे हैं, लेकिन हम सच्चाई और तथ्यों के मार्ग पर डटे हैं।
श्री अमन अरोड़ा ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने धान की पराली के प्रभावी प्रबंधन के लिए किसानों को 1.5 लाख से अधिक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराई हैं।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह समाप्त करने के मिशन में सरकार का साथ दें और उन्हें सरकार की अटूट प्रतिबद्धता एवं पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।






