Mehul Choksi Extradition — पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी और फरार हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को अब भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। बेल्जियम की एक अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि चोकसी के भारत प्रत्यर्पण (Extradition to India) में कोई कानूनी बाधा नहीं है। यह फैसला भारत के लिए एक बड़ी legal victory मानी जा रही है, जिससे अब उसके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो सकती है।
बेल्जियम के एंटवर्प कोर्ट ने 17 अक्टूबर को ₹13,500 करोड़ के PNB Scam से जुड़े मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। अदालत ने साफ कहा कि चोकसी की गिरफ्तारी कानूनी और वैध थी, जिसे अप्रैल 2024 में भारत के अनुरोध पर बेल्जियम अधिकारियों ने अंजाम दिया था।
अदालत ने कहा कि भारत को प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने में अब कोई बाधा नहीं है। हालांकि, चोकसी के पास अभी भी Belgium High Court में अपील का विकल्प बचा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह फैसला भारत के पक्ष में आया है और अब Extradition Process के पहले चरण को कानूनी मंजूरी मिल चुकी है। इस दौरान बेल्जियम के अभियोजकों को भारत के विदेश मंत्रालय और CBI का पूरा सहयोग मिला।
चोकसी के खिलाफ क्या हैं आरोप:
भारत की जांच एजेंसियों के मुताबिक, मेहुल चोकसी और उसके रिश्तेदार नीरव मोदी ने PNB की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा में फर्जी गारंटी पत्रों के ज़रिए बैंक से करीब ₹13,000 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी घोटाला किया था। नीरव मोदी इस समय लंदन की जेल में बंद है, जबकि चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया था और वहां की नागरिकता ले ली थी।
गिरफ्तारी और जेल का प्लान:
चोकसी को 11 अप्रैल 2024 को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। उसकी जमानत याचिका कई बार खारिज हो चुकी है। भारत सरकार ने बेल्जियम को आश्वासन दिया है कि प्रत्यर्पण के बाद उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा।
गृह मंत्रालय ने बताया कि यह बैरक 20 फुट लंबी और 15 फुट चौड़ी है, जिसमें अलग शौचालय, वाशरूम और पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था है। यह European human rights standards के अनुरूप है ताकि किसी तरह के उत्पीड़न का आरोप न लगे।
PNB Scam, जिसे देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामलों में गिना जाता है, साल 2018 में सामने आया था। मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने मिलकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी करवाए, जिनसे विदेशी बैंकों से अरबों रुपये के क्रेडिट लिए गए। घोटाला सामने आने से पहले ही दोनों देश छोड़कर भाग गए थे। भारत सरकार ने उनके खिलाफ Fugitive Economic Offenders Act के तहत कार्रवाई शुरू की और Interpol Red Corner Notice जारी किया। अब बेल्जियम कोर्ट के ताजा फैसले ने भारत के लिए चोकसी को वापस लाने की राह आसान कर दी है।
मुख्य बातें (Key Points):
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बेल्जियम की एंटवर्प कोर्ट ने मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी।
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अदालत ने कहा — चोकसी की गिरफ्तारी वैध थी, अब भारत भेजने में कोई कानूनी बाधा नहीं।
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चोकसी को अप्रैल में CBI के अनुरोध पर बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था।
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प्रत्यर्पण के बाद उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा।
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चोकसी और नीरव मोदी पर ₹13,000 करोड़ के PNB घोटाले का आरोप है।






