Y Puran Kumar suicide : हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी Y Puran Kumar suicide मामले में सातवां दिन बीत गया है, पर शव का पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार अभी तक नहीं हुआ। केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर उठती राजनीति और परिवार पर कथित दबाव के बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने परिवार से मिलकर सरकार पर तीखा निशाना साधा और तुरंत कार्रवाई की मांग की। The Tribune+1
मामला क्या है
यूपीएस (Y. Puran Kumar) 2001 बैच के वरिष्ठ अधिकारी थे। उन्हें 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित आवास पर आत्महत्या की सूचना मिली। उनकी पत्नी ने बाद में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध उत्पीड़न एवं मनोवैज्ञानिक दवाब के आरोप उठाए और उसी आरोप की पृष्ठभूमि में मामला गरमाया। परिवार ने कहा कि तब तक पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे जब तक FIR दर्ज न हो और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई न हो।
राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव और एफआईआर
परिवार की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों में हरियाणा के टॉप काप (DGP शत्रुजीत कपूर सहित) के नाम आए। राज्य सरकार ने विवाद के बीच DGP शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजा और ओम प्रकाश सिंह को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा। जांच में फोरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य जुटाने की बात भी सामने आई है।
राहुल गांधी का रुख
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार सुबह मृतक के परिवार से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे और कहा कि परिवार पर दबाव डाला जा रहा है — यह गलत है। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से त्वरित कार्रवाई और मृतक के सम्मान की बात कही; राहुल ने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं, बल्कि दलित समाज के लिए एक खतरनाक संदेश है।
अन्य राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और घटनाक्रम
कई विपक्षी नेता और दल जैसे BSP, कुछ सांसद व राज्य नेता परिवार से मिलने और समर्थन देने पहुंच रहे हैं। केंद्र के कुछ नेताओं ने भी परिवार से मुलाकात की और मृतक अधिकारी को श्रद्धांजलि दी। इसी बीच प्रधानमंत्री की कुछ यात्राएँ रद्द की गयीं और राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।
परिवार की माँगें और पोस्टमॉर्टम विवाद
परिवार का कहना है कि FIR दर्ज होने और जिम्मेदारों के खिलाफ वास्तविक कार्रवाई न होने तक वे पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। परिवार पर कथित रूप से दबाव डाले जाने की भी शिकायत कही जा रही है। राज्य स्तर पर पुलिस ने परिवार को पोस्टमॉर्टम के लिए कई बार नोटिस भेजे, पर विवाद जारी है।
Y. Puran Kumar के नोट में जिन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम आए हैं, वे उसी प्रशासनिक तंत्र के हिस्से रहे जिनके साथ उनकी सेवाकालीन टकराव की सूचना है। भारत में कुछ उच्च प्रोफ़ाइल आत्महत्याओं के बाद पारिवारिक मांगों और न्यायिक प्रक्रियाओं के बीच तालमेल एक चुनौती बनकर उभरा है — खासकर जब आरोप शक्ति के शीर्ष पर मौजूद अधिकारियों पर हों। इस केस ने नौकरशाही में होने वाले संभावित मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न (mental harassment) और जातिगत असमानता के सवालों को फिर ताजा कर दिया है।
क्या होने की संभावना है
-
पुलिस की फोरेंसिक और डिजिटल जांच आगे क्या निष्कर्ष देती है।
-
DGP और जिन अधिकारियों के नाम आए हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होती है — गिरफ्तारी/निलंबन/अतिरिक्त कार्यभार आदि
-
केंद्र और राज्य स्तर पर राजनीतिक दबाव के चलते क्या संसदीय या न्यायिक पहल होती है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
Y Puran Kumar suicide के सात दिन बाद भी पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ; परिवार ने अंतिम क्रिया रोकी रखी है।
-
राहुल गांधी ने परिवार से मिलकर सरकार पर तीखा हमला किया और त्वरित कार्रवाई व मृतक के सम्मान की मांग की।
-
FIR में हरियाणा के शीर्ष अधिकारियों के नाम आने के बाद DGP शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजा गया; ओम प्रकाश सिंह को अतिरिक्त चार्ज मिला।
-
पुलिस फोरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य जुटा रही है; मामले की जांच व्यापक होगी।






