IT Job Cuts 2025: भारत के IT sector 2025 में बड़े पैमाने पर नौकरी कटौती का संकट दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल के अंत तक लगभग 50,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में हो सकती है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में दोगुनी है, जब लगभग 25,000 लोगों की नौकरी गई थी। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) समेत कई बड़े आईटी फर्म्स अपने कर्मचारियों को औपचारिक या गुपचुप तरीके से नौकरी से हटा रही हैं।
TCS ने क्या कहा?
हाल ही में TCS ने अपनी सितंबर तिमाही रिपोर्ट में बताया कि उसने पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत अपने कुल कर्मचारियों का लगभग 1 प्रतिशत यानी 6,000 लोग नौकरी से हटाए हैं। TCS के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुदीप कुन्नुमल ने स्पष्ट किया कि 50,000–80,000 लोगों की छंटनी की खबरें तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “हमने मुख्य रूप से मध्य और वरिष्ठ स्तर के लगभग 1 प्रतिशत कर्मचारियों को हटाया है। जिनकी भूमिका में पुनः नियुक्ति संभव नहीं थी।”
TCS ने जुलाई में बताया था कि वे इस वर्ष वैश्विक स्तर पर अपने कार्यबल का लगभग 2 प्रतिशत (12,261 लोग) पुनर्गठन के तहत हटाने की योजना बना रहे हैं।
गुपचुप छंटनी और AI का असर
कुछ IT कंपनियां कर्मचारियों को बिना किसी औपचारिक घोषणा के ही बाहर कर रही हैं। HFS Research के CEO फिल फर्शथ के अनुसार, इस साल बड़ी कंपनियों ने हजारों पद चुपचाप खत्म कर दिए हैं, भर्ती कम की जा रही है और प्रमोशन टाले जा रहे हैं।
Teamlease डिजिटल की CEO नीति शर्मा का कहना है कि केवल 2025 में यह संख्या 55,000–60,000 तक पहुंच सकती है। एक्सेंचर ने जून से अगस्त के बीच वैश्विक स्तर पर 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया। विशेषज्ञों के अनुसार, कंपनियां अब AI आधारित डिजिटल लेबर पर ज्यादा निर्भर हो रही हैं, जिससे परंपरागत कर्मचारियों की जरूरत घट रही है।
भारत का IT सेक्टर लंबे समय से देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। 1990 और 2000 के दशक में तेजी से बढ़ने वाली IT कंपनियों ने लाखों लोगों को रोजगार दिया। लेकिन अब तकनीकी बदलाव, ऑटोमेशन और AI के बढ़ते उपयोग के कारण काम करने वाले मानव संसाधन की मांग घट रही है। कंपनियों के लिए लागत कम करना और डिजिटल परिवर्तन में निवेश बढ़ाना प्राथमिकता बन गया है।
मुख्य बातें (Key Highlights):
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भारत में IT सेक्टर में 2025 तक लगभग 50,000–60,000 कर्मचारियों की छंटनी की आशंका।
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TCS ने इस साल 6,000 कर्मचारियों को हटाया; कुल वैश्विक योजना के तहत 12,261 कर्मचारियों को पुनर्गठित करने का लक्ष्य।
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गुपचुप छंटनी: कई कंपनियां कर्मचारियों को बिना घोषणा के निकाल रही हैं, भर्ती कम और प्रमोशन टाले जा रहे हैं।
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AI और ऑटोमेशन: कंपनियां डिजिटल लेबर पर निर्भर हो रही हैं, पारंपरिक कर्मचारियों की जरूरत घट रही है।






