Bihar Politics फिर से सुर्खियों में है। बिहार के सियासी मैदान में तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ऐसा दांव चला, जिसने नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) को हिला कर रख दिया। एक ही दिन में तीन बड़े नेताओं — पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा, पूर्व विधायक राहुल शर्मा और जेडीयू सांसद गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश रंजन — ने जेडीयू को अलविदा कहकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया।
नई राजनीतिक चाल – भूमिहार और कुशवाहा वोट बैंक पर नजर
तेजस्वी यादव की यह रणनीति सिर्फ जोड़तोड़ नहीं बल्कि सटीक राजनीतिक कैलकुलेशन लगती है। आरजेडी ने इस बार बिहार के दो प्रभावशाली समुदायों — कुशवाहा और भूमिहार — को साधने पर पूरा फोकस किया है। संतोष कुशवाहा के धमदाहा सीट से लेसी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है, जबकि राहुल शर्मा को घोषी सीट से टिकट मिल सकता है।
मगध की राजनीति में फिर जीवंत हुई पुरानी दोस्ती
मगध क्षेत्र के प्रभावशाली नेता राहुल शर्मा के पिता, जगदीश शर्मा, लालू प्रसाद यादव के पुराने मित्र और आरजेडी के करीबी सहयोगी रहे हैं। वे 1977 से 2009 तक घोषी सीट से विधायक और बाद में सांसद बने। इसी क्षेत्रीय जुड़ाव और पारिवारिक समीकरण के चलते राहुल शर्मा की आरजेडी में एंट्री को “लालू-युग की वापसी” के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
कुशवाहा नेताओं पर आरजेडी की पकड़ मजबूत करने की कोशिश
पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के बाद अब संतोष कुशवाहा का पार्टी बदलना जेडीयू के लिए झटका है। सूत्र बताते हैं कि संतोष अपनी उपेक्षा से नाराज थे। अब आरजेडी की योजना है कि वे कुशवाहा समुदाय के अन्य प्रमुख नेताओं, जैसे अजय कुशवाहा (वैशाली सीट से संभावित उम्मीदवार), को भी साथ लाकर सामाजिक समीकरण को अपने पक्ष में मजबूत करें।
सीट बंटवारे से पहले ही तेजस्वी ने बढ़ाया दबाव
बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। लेकिन नेताओं के इस बड़े पाला-बदल से माहौल गर्म है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, तेजस्वी यादव के ये तीन नए “एंट्री कार्ड” नीतीश कुमार की जेडीयू को सीधे-सीधे चुनावी मैदान में कमजोर कर सकते हैं।
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच राजनीतिक टकराव कोई नया नहीं है। 2024 में एनडीए में वापसी के बाद से ही जेडीयू पर “RJD से दूरी और BJP की नज़दीकी” के आरोप लगते रहे हैं। आरजेडी अब उस नाराज तबके को अपनी तरफ खींचने में लगी है, जो नीतीश के फैसलों से असंतुष्ट है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति को “नई जातीय रेखाओं” में फिर से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं — जहां युवा नेतृत्व, सामाजिक प्रतिनिधित्व और रणनीतिक गठबंधन केंद्र में हैं।
मुख्य बातें (Key Points):
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तेजस्वी यादव की आरजेडी में शामिल हुए तीन बड़े चेहरे — संतोष कुशवाहा, राहुल शर्मा और चाणक्य प्रकाश रंजन।
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भूमिहार और कुशवाहा समुदाय को साधने की आरजेडी की रणनीति हुई स्पष्ट।
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राहुल शर्मा के पिता जगदीश शर्मा लालू प्रसाद यादव के पुराने सहयोगी रहे हैं।
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सीट बंटवारे से पहले आरजेडी के इस कदम से जेडीयू की चुनावी स्थिति कमजोर हो सकती है।






