RSS Chief Big Statement: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार, 2 अक्टूबर को नागपुर में विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी को खुद को ‘हिंदू’ कहने में संकोच है, तो वे बेझिझक खुद को ‘भारतीय’ कह सकते हैं। भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सांस्कृतिक दृष्टि से हमेशा से एक प्राचीन हिंदू राष्ट्र रहा है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब RSS अपनी स्थापना के 100 साल पूरे कर रहा है। 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में संघ की नींव रखी थी और तब से यह संगठन भारतीय राजनीति और समाज पर गहरी छाप छोड़ चुका है।
अमेरिका की टैरिफ नीति पर चिंता, स्वदेशी का मंत्र : अपने संबोधन में भागवत ने वैश्विक आर्थिक हालात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ उसके राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर उठाए गए कदम हैं, लेकिन इसका असर पूरी दुनिया पर महसूस किया जा रहा है।
भागवत ने कहा, “कोई भी देश अकेले नहीं जी सकता, लेकिन निर्भरता मजबूरी में नहीं बदलनी चाहिए।” उन्होंने आत्मनिर्भरता और स्वदेशी पर जोर देते हुए कहा कि भारत को अपनी ताकत पर भरोसा करना चाहिए और अपने मित्र राष्ट्रों से कूटनीतिक रिश्ते समानता के आधार पर बनाने चाहिए।
पहलगाम आतंकी हमले पर श्रद्धांजलि और चेतावनी : भागवत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की भी चर्चा की, जिसमें 26 भारतीयों की जान गई थी। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा और इसे “अत्यंत अमानवीय” बताया।
उन्होंने कहा कि सरकार और सेना ने इस हमले का सशक्त जवाब दिया, जिससे दुनिया को भारत की क्षमता और दृढ़ता का पता चला। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के बाद स्पष्ट हो गया कि भारत के असली मित्र कौन हैं।
भागवत ने चेतावनी दी कि भारत को भले ही दुनिया से दोस्ती रखनी चाहिए, लेकिन अपनी सुरक्षा और एकता को लेकर हमेशा सतर्क रहना होगा। उन्होंने देश के अंदर मौजूद असांविधानिक तत्वों की भी आलोचना की, जो राष्ट्र को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं।
पृष्ठभूमि: क्यों अहम है यह बयान? : RSS को भाजपा का वैचारिक मार्गदर्शक माना जाता है। संगठन का 100वां वर्ष पूरा होना अपने आप में ऐतिहासिक है। ऐसे मौके पर भागवत का यह बयान न सिर्फ हिंदुत्व बनाम भारतीय पहचान की बहस को छेड़ता है, बल्कि भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी स्पष्ट संदेश देता है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
मोहन भागवत बोले – हिंदू कहने में दिक्कत हो तो खुद को भारतीय कहें।
-
भारत हमेशा से सांस्कृतिक रूप से प्राचीन हिंदू राष्ट्र रहा है।
-
अमेरिका की नई टैरिफ नीति पर जताई चिंता, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी पर जोर।
-
पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि, सरकार और सेना की कार्रवाई की सराहना।






