Atal Pension Yojana: रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा हर कामकाजी व्यक्ति की सबसे बड़ी चिंता होती है। कामकाजी उम्र में आमदनी तो चल जाती है, लेकिन रिटायरमेंट के बाद जब स्थायी आय का कोई साधन नहीं होता, तब आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है। ऐसे में मोदी सरकार की अटल पेंशन योजना (APY) काम आ सकती है।
इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष तक के किसी भी भारतीय नागरिक को सदस्यता मिल सकती है। सदस्य को अपनी उम्र और चुनी गई पेंशन राशि के हिसाब से हर महीने एक तय राशि जमा करनी होती है।
पेंशन की राशि और लाभ
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60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद निवेशक को ₹1000, ₹2000, ₹3000, ₹4000 या ₹5000 प्रति माह पेंशन प्राप्त हो सकती है।
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यदि निवेशक की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन पति या पत्नी को जारी रहेगी। दोनों के निधन के बाद राशि नॉमिनी को लौटाई जाएगी।
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योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सरकार की गारंटी होती है। यानी निश्चित पेंशन का भरोसा है।
उम्र और योगदान का महत्व
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18 साल की उम्र में जुड़ने पर ₹5000 पेंशन के लिए मासिक योगदान लगभग ₹210।
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30 साल की उम्र में जुड़ने वाले को ₹577 मासिक जमा करना होगा।
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40 साल की उम्र में जुड़ने वाले को ₹1454 प्रति माह योगदान करना पड़ सकता है।
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निष्कर्ष: जितनी जल्दी योजना से जुड़ेंगे, उतना ही कम निवेश करना पड़ेगा।
योजना किनके लिए सबसे उपयोगी
अटल पेंशन योजना खासतौर पर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।
जैसे- किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, ठेला-रेहड़ी वाले आदि।
इससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद स्थायी आय का भरोसा मिलता है और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
Key Points (मुख्य बातें)
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अटल पेंशन योजना 18-40 वर्ष के भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध।
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पेंशन राशि ₹1000 से ₹5000 तक, उम्र और योगदान के अनुसार।
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पति/पत्नी की मृत्यु के बाद भी पेंशन जारी, नॉमिनी को राशि वापसी।
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असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए रिटायरमेंट में स्थायी आय का माध्यम।






