Rahul Gandhi Siropa Controversy): कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को हाल ही में अमृतसर (Amritsar) के दो प्रमुख गुरुद्वारों में ‘सिरोपा’ देकर सम्मानित किए जाने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), जो सिखों की सर्वोच्च संस्था है, ने इस घटना पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। एसजीपीसी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने स्पष्ट किया है कि यह कृत्य सिख मर्यादा के खिलाफ है और जो भी इसके लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला 15 सितंबर का है, जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पंजाब (Punjab) के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद गुरुद्वारा बाबा बुड्डा साहिब जी (Gurdwara Baba Budha Sahib Ji) और श्री दरबार साहिब (Sri Darbar Sahib) में नतमस्तक होने पहुंचे थे। इसी दौरान दोनों गुरुद्वारों के प्रबंधकों ने उन्हें ‘सिरोपा’ (सम्मान का प्रतीक) पहनाया था, जिसके बाद सिख संगठनों ने इस पर गहरी आपत्ति जताई।
क्या कहता है SGPC का नियम? : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष, एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने एक प्रेस नोट जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि एसजीपीसी (SGPC) की अंतरिम कमेटी द्वारा पहले ही एक प्रस्ताव पारित किया जा चुका है, जिसके अनुसार गुरुद्वारों के अंदर ‘सिरोपा’ का सम्मान केवल प्रतिष्ठित सिख हस्तियों, रागी सिंहों (Ragi Singhs) या महान धार्मिक शख्सियतों को ही दिया जा सकता है। किसी भी राजनीतिक या अन्य विशेष व्यक्ति को यह सम्मान देना नियमों का उल्लंघन है। धामी ने इस घटना को “अत्यंत गंभीर” बताते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
‘सिरोपा’ सिख धर्म में सर्वोच्च सम्मान का प्रतीक माना जाता है, जो किसी व्यक्ति की पंथ के प्रति असाधारण सेवा या धार्मिक क्षेत्र में महान योगदान के लिए दिया जाता है। सिख समुदाय में गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी के प्रति 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक गहरा दर्द और गुस्सा मौजूद है। इसी ऐतिहासिक संदर्भ के कारण, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जैसे कांग्रेस नेता को यह सम्मान दिए जाने पर सिख संगठनों और संगत में भारी आक्रोश फैल गया। उनका मानना है कि यह उन सिख परंपराओं का अपमान है जिनके लिए यह सम्मान आरक्षित है।
जांच और कार्रवाई का आश्वासन : एसजीपीसी (SGPC) अध्यक्ष ने कड़े शब्दों में कहा कि गांधी परिवार के किसी सदस्य को, जिसे सिख समुदाय 1984 के नरसंहार के लिए जिम्मेदार मानता है, ‘सिरोपा’ देना किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि गुरुद्वारा बाबा बुड्डा साहिब (Gurdwara Baba Budha Sahib) में हुई घटना की जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ मिसाली कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी सिख परंपराओं का उल्लंघन करने की हिम्मत न कर सके।






