Golden Temple Building Height Restrictions को लेकर पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। अमृतसर (Amritsar) स्थित ऐतिहासिक दरबार साहिब (Darbar Sahib) यानी स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के आसपास ऊंची इमारतों के निर्माण को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं और नगर निगम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त न किया जाए।
पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) शहर में स्थित विश्व प्रसिद्ध दरबार साहिब (Darbar Sahib), जिसे स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के नाम से भी जाना जाता है, के आसपास ऊंची इमारतों के निर्माण पर अब सख्त निगरानी रखी जाएगी। स्थानीय निकाय विभाग ने इस विषय में चिंता जताते हुए नगर निगम (Municipal Corporation) को निर्देश जारी किए हैं कि निर्माण कार्यों को तुरंत नियंत्रित किया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो।
एक आधिकारिक पत्र में स्थानीय निकाय विभाग ने कहा है कि दरबार साहिब (Darbar Sahib) का न केवल धार्मिक बल्कि स्थापत्य और सांस्कृतिक महत्व भी है। दूर से मंदिर की छवि उसकी सुंदरता को और भी प्रभावशाली बनाती है। लेकिन अब इसके आसपास बनाई जा रही ऊंची इमारतें न सिर्फ इसकी दृश्यता को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि इसकी गरिमा को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।
पत्र में यह भी कहा गया कि मौजूदा निर्माण नियमों का कोई भी उल्लंघन दरबार साहिब की महत्ता को ठेस पहुंचा सकता है। इसलिए, नियमों की सख्ती से पालना कराई जाए और जो भी संरचनाएं अनाधिकृत पाई जाएं, उन्हें अविलंब ध्वस्त किया जाए। विभाग ने स्पष्ट किया कि इस दिशा में नगर निगम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है और सभी निर्माण गतिविधियों की गहन निगरानी की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि मार्च महीने में भी मंदिर परिसर के ठीक बाहर बनाए जा रहे एक बहुमंजिला भवन को लेकर विरोध सामने आया था। यह भवन सिख जत्थेदारों और पुजारियों के लिए आवास के रूप में तैयार किया जा रहा था। उस समय धार्मिक विद्वानों ने आपत्ति जताई थी कि कोई भी संरचना इतनी ऊंची नहीं होनी चाहिए कि वह अकाल तख्त (Akal Takht) की ऊंचाई से ऊपर निकल जाए। इस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सफाई देते हुए कहा था कि मंदिर की गरिमा का पूरा ध्यान रखा जाएगा और कोई भी भवन अकाल तख्त से ऊंचा नहीं बनाया जाएगा।
हालिया सख्ती और जारी निर्देशों से स्पष्ट है कि सरकार अब इस ऐतिहासिक स्थल की गरिमा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती। निकाय विभाग द्वारा दिए गए इन निर्देशों से उम्मीद की जा रही है कि दरबार साहिब की मूल भव्यता और आध्यात्मिक प्रभाव को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम समय पर उठाए जाएंगे।






