IRCTC Cancellation Charge Reform: भारतीय रेलवे (Indian Railways) वेटिंग लिस्ट टिकट कैंसिल होने पर यात्रियों से वसूले जा रहे क्लर्क चार्ज को खत्म करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में यदि कोई टिकट बुक होता है और वह वेटिंग लिस्ट में रहता है, तो कन्फर्म न होने की स्थिति में उसे ऑटोमैटिकली कैंसल कर दिया जाता है। लेकिन इसके बाद भी यात्री को पूरा रिफंड नहीं मिलता क्योंकि रेलवे क्लर्क चार्ज के नाम पर 30 से 60 रुपये तक की कटौती करता है। यह शुल्क टिकट की क्लास पर निर्भर करता है।
यह नियम खासकर 2S (Second Sitting), SL (Sleeper) और 3AC (Third AC) जैसी क्लासों में लागू है, जिसमें 2S के लिए ₹30, SL और अन्य क्लास के लिए ₹60+GST तक चार्ज लिया जाता है। यह फीस IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) पोर्टल से बुक किए गए टिकटों पर भी लगती है। अब रेलवे इस चार्ज को पूरी तरह हटाने पर विचार कर रहा है ताकि यात्रियों को बिना किसी कटौती के पूरा रिफंड मिल सके।
कई यात्रियों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि जब टिकट कन्फर्म ही नहीं होता और खुद से कैंसिल भी नहीं किया जाता, तब भी क्लर्क चार्ज क्यों लिया जाता है। ऐसे में रेलवे पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। अब इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और प्रस्ताव रेलवे प्रशासन के पास पहुंच चुका है।
फाइनेंशियल ईयर 2025 (Financial Year 2025) में रेलवे ने कुल ₹2.7 लाख करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व कमाया है, जिसमें माल ढुलाई से ₹1.75 लाख करोड़ और यात्रियों की संख्या 735 करोड़ रही। यह आंकड़े रेलवे की सेवा और उस पर बढ़ते भरोसे को दर्शाते हैं।
हालांकि रेलवे को कैंसलेशन चार्ज से भी बड़ा राजस्व मिला है। एक RTI (Right to Information) के जवाब में खुलासा हुआ था कि 2020 से 2023 के बीच रेलवे ने अकेले टिकट कैंसलेशन चार्ज से ₹6,000 करोड़ की आय की है। इस खुलासे के बाद यात्रियों और उपभोक्ता संगठनों ने वेटिंग टिकट पर लगने वाले शुल्क पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
रेलवे अब इस दिशा में गंभीर कदम उठाने को तैयार नजर आ रहा है। यदि यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो वेटिंग टिकट के कन्फर्म न होने पर यात्री को 100% रिफंड मिलेगा और क्लर्क चार्ज नहीं कटेगा। इससे लाखों यात्रियों को हर साल राहत मिलेगी।






