Iran Nuclear Scientist Killed — इजरायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच जारी संघर्ष ने एक और भयावह मोड़ ले लिया है। ईरान के प्रतिष्ठित परमाणु वैज्ञानिक सेदीघी सेबर (Sediqi Saber) और उनके परिवार के 11 सदस्य एक इजरायली हमले में मारे गए हैं। यह दर्दनाक घटना सोमवार को उस समय हुई जब दोनों देशों के बीच संघर्षविराम (Ceasefire) पर सहमति बनने ही वाली थी। मात्र कुछ क्षण पहले यह हमला हुआ, जिससे वैज्ञानिक का पूरा परिवार एक झटके में खत्म हो गया।
ईरान के सरकारी चैनल प्रेस टीवी (Press TV) की रिपोर्ट के अनुसार यह हमला अस्ताने अशरफे (Astaneh Ashrafieh) शहर में हुआ, जो कैस्पियन सागर (Caspian Sea) के पास स्थित है। रिपोर्ट में बताया गया कि यह हमला पूरी तरह से रिहायशी इलाके पर हुआ था, जिसमें बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों समेत 12 लोगों की जान चली गई।
प्रेस टीवी ने वैज्ञानिक सेदीघी सेबर के परिवार की एक तस्वीर भी जारी की है, जिसमें सभी लोग एक साथ दिख रहे हैं। तस्वीर देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह एक सामान्य और खुशहाल परिवार था, जो युद्ध की चपेट में आ गया।
इस हमले के साथ ही ईरान में अब तक इजरायल की कार्रवाई में 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ईरान के हमलों में इजरायल की ओर से 23 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है।
इस घटना ने पूरे मध्य एशिया (Middle East) को झकझोर दिया है। माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत में अमेरिका (United States) और ईरान (Iran) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें परमाणु कार्यक्रम (Nuclear Program), संघर्षविराम और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार इस बैठक के बाद दोनों देशों की ओर से किसी औपचारिक सीजफायर की घोषणा भी संभव है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या वह सीजफायर एक दिन पहले होता तो यह परिवार बच सकता था? क्या युद्धों में इंसानियत का कोई स्थान नहीं बचा है? सेदीघी सेबर जैसे वैज्ञानिक की जान और उनके पूरे परिवार की मौत ने युद्ध की भयावहता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
यह घटना दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करती है कि विज्ञान, प्रगति और कूटनीति के इस युग में क्या युद्ध ही एकमात्र विकल्प रह गया है? शांति की उम्मीदें तब तक अधूरी रहेंगी जब तक इंसान की जान की कीमत सीमाओं से ऊपर नहीं समझी जाएगी।






