• About
  • Privacy & Policy
  • Disclaimer & DMCA Policy
  • Contact
🔆 शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home NEWS-TICKER

Iran से भागकर India आए थे ये लोग, आज बन गए रईसी की मिसाल!

Zoroastrianism: सताए गए थे अपने देश में, भारत ने बनाया अमीर और सम्मानित!

The News Air by The News Air
शनिवार, 21 जून 2025
A A
0
followers of this religion fled from Iran and came to India are counted among the rich
104
SHARES
690
VIEWS
ShareShareShareShareShare
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Zoroastrianism in India एक ऐसी ऐतिहासिक गाथा है जो धार्मिक सहिष्णुता, सांस्कृतिक समावेश और भारत की उदार परंपरा का साक्षात प्रमाण है। आज जिन पारसी (Parsi) लोगों को हम भारत में बेहद सम्मान और रईसी के साथ देखते हैं, वे कभी ईरान (Iran) से सताए जाने के कारण भारत आने को मजबूर हुए थे। यह समुदाय भारत की औद्योगिक प्रगति में रतन टाटा (Ratan Tata), जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) जैसी विभूतियों के रूप में एक अमिट छाप छोड़ चुका है।

पारसी धर्म (Zoroastrianism) की स्थापना छठी शताब्दी ईसा पूर्व में पैगंबर जरथुस्त्र (Prophet Zarathustra) ने की थी। उस समय ईरान को पारस (Persia) कहा जाता था और यह धर्म वहीं फला-फूला। पारसी धर्म एकेश्वरवादी धर्मों में सबसे प्राचीन माना जाता है। इस धर्म में अग्नि पूजा (Fire Worship) को विशेष स्थान प्राप्त है और माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को न्याय का सामना करना होता है।

तीसरी शताब्दी में पारस में ससैनियन साम्राज्य (Sassanian Empire) का स्वर्ण युग था और पारसी धर्म चरम पर था। लेकिन 652 ईस्वी में जब अरब के मुसलमानों (Arab Muslims) ने पारस पर हमला किया तो हालात पूरी तरह बदल गए। इस्लामिक शासन की स्थापना के बाद पारसियों पर जजिया कर (Jizya Tax) लगाया गया और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाने लगा। इससे तंग आकर पारसी लोग अपनी मातृभूमि छोड़कर भारत (India) की ओर निकल पड़े।

किस्सा-ए-संजान (Qissa-i-Sanjan) नामक ऐतिहासिक दस्तावेज में उल्लेख मिलता है कि पारसी समाज ने यह निर्णय लिया कि यदि वे पारस में रुके तो उनकी पहचान और बुद्धिमत्ता समाप्त हो जाएगी। इसलिए वे समुद्री रास्ते से भारत आए। लगभग 1200 साल पहले पारसी लोग गुजरात (Gujarat) के तट पर पहुंचे, जहां एक हिंदू राजा का शासन था। प्रारंभ में राजा ने पारसियों को बसने की अनुमति नहीं दी, लेकिन एक पारसी पुजारी ने राजा को एक उदाहरण देकर समझाया।

यह भी पढे़ं 👇

Dharmendra 90th Birthday

Dharmendra 90th Birthday: फैंस के लिए खोले जाएंगे फार्म हाउस के गेट

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Mandhana-Palash Wedding Rumors

Mandhana-Palash Wedding Rumors: पलाश की बहन Palak Muchhal ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्या है सच!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis Explainer

IndiGo Crisis Explainer : सरकार क्यों झुकी IndiGo के सामने? कमेटी के नाम पर धोखा! लूटे गए हजारों यात्री!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Muslim Burial Rights Japan

Japan में मुस्लिमों को दफ़नाने पर रोक! Mizuhou Umemura का सबसे बड़ा बयान, Big Controversy!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025

पुजारी ने दूध के गिलास में चीनी डालकर यह दर्शाया कि पारसी समाज भारतीय संस्कृति में उसी तरह घुल-मिल जाएगा जैसे दूध में चीनी। यह उदाहरण राजा को भा गया और उसने पारसियों को बसने की अनुमति दे दी। हालांकि, उनसे यह शर्त रखी गई कि वे भारतीय संस्कृति को अपनाएंगे, भारतीयों की तरह कपड़े पहनेंगे और उनकी भाषा में बातचीत करेंगे। यहीं से पारसी समुदाय का भारत में एक नया अध्याय शुरू हुआ।

आज पारसी समाज भारत में धार्मिक स्वतंत्रता, समर्पण और समृद्धि का प्रतीक है। उन्होंने देश की आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक व्यवस्था को मजबूती देने में बड़ी भूमिका निभाई है। भारत में उनका आगमन न केवल एक शरणार्थी कथा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत हमेशा से ही विविधता को गले लगाने वाला देश रहा है।

पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Related Posts

Dharmendra 90th Birthday

Dharmendra 90th Birthday: फैंस के लिए खोले जाएंगे फार्म हाउस के गेट

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Mandhana-Palash Wedding Rumors

Mandhana-Palash Wedding Rumors: पलाश की बहन Palak Muchhal ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्या है सच!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis Explainer

IndiGo Crisis Explainer : सरकार क्यों झुकी IndiGo के सामने? कमेटी के नाम पर धोखा! लूटे गए हजारों यात्री!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Muslim Burial Rights Japan

Japan में मुस्लिमों को दफ़नाने पर रोक! Mizuhou Umemura का सबसे बड़ा बयान, Big Controversy!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Jaw Dislocation Golgappa

Golgappa खाने से खिसका महिला का जबड़ा, Jaw Dislocation से बचने के लिए बरतें सावधानी

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Kangana Ranaut

PM Modi Sanatan Brand Ambassador: ‘पुतिन गीता पढ़ेंगे तो भारत से रिश्ता और गहरा होगा’

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

The News Air

  • About
  • Privacy & Policy
  • Disclaimer & DMCA Policy
  • Contact

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • पंजाब
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
    • नौकरी
    • बिज़नेस
    • टेक्नोलॉजी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • हेल्थ
    • लाइफस्टाइल
    • धर्म
    • स्पेशल स्टोरी
  • राज्य
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • वेब स्टोरीज

© 2025 THE NEWS AIR