India Delegation Exposes Pakistan – पाकिस्तान (Pakistan) के प्रायोजित आतंकवाद को दुनियाभर में बेनकाब करने के मिशन पर गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अपनी यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मंगलवार को मुलाकात की। यह मुलाकात प्रधानमंत्री के 7 लोक कल्याण मार्ग (7 Lok Kalyan Marg) स्थित आवास पर हुई, जहां प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने अपने अनुभव साझा किए और विदेशों में भारत के पक्ष में किए गए प्रयासों की जानकारी दी।
इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (Congress), जनता दल (यूनाइटेड) [JDU], शिवसेना (Shiv Sena), द्रमुक (DMK) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) [NCP-SP] के सांसद शामिल थे। इन नेताओं ने 33 विदेशी राजधानियों (Foreign Capitals) और यूरोपीय संघ (European Union) का दौरा कर पाकिस्तान के आतंकवादी एजेंडे को उजागर किया। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सांसदों और पूर्व राजनयिकों की भी भागीदारी रही, जिनका अनुभव और दृष्टिकोण इस मिशन को और मजबूती प्रदान कर गया।
इस अभियान के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने भी प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और उनकी कोशिशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दुनिया के मंचों पर भारत की मजबूत स्थिति पेश करने और पाकिस्तान को घेरने के लिए इन नेताओं ने अत्यंत प्रभावी भूमिका निभाई है।
प्रमुख नेताओं की बात करें तो भाजपा (BJP) के रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) और बैजयंत पांडा (Baijayant Panda), कांग्रेस (Congress) के शशि थरूर (Shashi Tharoor), जदयू (JDU) के संजय झा (Sanjay Jha), शिवसेना (Shiv Sena) के श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde), द्रमुक (DMK) की कनिमोई (Kanimozhi) और राकांपा-एसपी (NCP-SP) की सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने अपने-अपने क्षेत्रों में भारतीय पक्ष को मजबूती से रखा।
सरकार का उद्देश्य इन प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत की छवि को वैश्विक मंच पर पेश करना था। कांग्रेस (Congress) के शशि थरूर (Shashi Tharoor) और एआईएमआईएम (AIMIM) के असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) जैसे विपक्षी नेता भी इन प्रयासों में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) और सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) जैसे वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी ने इस मिशन को और अधिक विश्वसनीयता और प्रभावशीलता प्रदान की। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे भारत की विदेश नीति के लिए एक ऐतिहासिक पहल बताया।






