Patanjali Land Scam Nepal : नेपाल (Nepal) की राजनीति में उस वक्त भूचाल आ गया जब बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की संस्था पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth) को जमीन देने के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे और इसके चलते पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल (Madhav Kumar Nepal) की सांसद सदस्यता चली गई। यह विवाद काभ्रे जिला (Kavre District) में पतंजलि को दी गई जमीन से जुड़ा है, जो कि काठमांडू (Kathmandu) से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है।
भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (CIAA) ने गुरुवार को सीपीएन यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी (CPN Unified Socialist Party) के अध्यक्ष माधव नेपाल और 93 अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। आरोप है कि पतंजलि योगपीठ को 32 हेक्टेयर जमीन योग केंद्र और हर्बल खेती के उद्देश्य से दी गई थी, लेकिन बाद में नीति में बदलाव कर उसे व्यावसायिक उपयोग के लिए भी खोल दिया गया।
इस निर्णय से सरकार को 11.6 करोड़ रुपये (Indian Rupees) का नुकसान हुआ, जिसे सरकारी नीति का दुरुपयोग करार देते हुए सीआईएए ने कहा कि इस राशि की वसूली माधव नेपाल से की जानी चाहिए। आरोपियों की सूची में पूर्व कानून मंत्री प्रेम बहादुर सिंह (Prem Bahadur Singh), पूर्व भूमि सुधार मंत्री दंबर श्रेष्ठ (Dambar Shrestha), पूर्व मुख्य सचिव माधव प्रसाद घिमिरे (Madhav Prasad Ghimire) और पतंजलि नेपाल के निदेशक सलीग्राम सिंह (Saligram Singh) शामिल हैं। हालांकि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का नाम आरोपपत्र में शामिल नहीं किया गया है।
नेपाल के कानून के मुताबिक, किसी भी सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होते ही उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। इसी नियम के तहत माधव नेपाल की सांसद सदस्यता खत्म कर दी गई है। माधव नेपाल ने सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि, “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है और मैं न्यायिक प्रक्रिया का सामना करूंगा। यह सब प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (K.P. Sharma Oli) की साजिश है, जो मुझे राजनीति से हटाना चाहते हैं।”
वहीं, पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth) की ओर से सफाई दी गई है कि उन्होंने जमीन का कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं किया है। उनके मुताबिक, वहां केवल योग और आयुर्वेद से जुड़ी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं और इस पर किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है।






