Building Demolition Scandal : इंदौर (Indore) में चार मंजिला इमारत को बम से उड़ाए जाने की घटना ने पूरे शहर को चौंका दिया है। यह केवल नगर निगम (Municipal Corporation) की सामान्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा रिश्वतकांड (Bribery Scandal) छिपा है। बिल्डिंग के मालिक डॉ. इजहार मुंशी (Dr. Izhar Munshi) ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनसे पहले ही 5 लाख की रिश्वत ली जा चुकी थी और फिर 15 लाख रुपये की दोबारा मांग की गई। उन्होंने इनकार किया तो इमारत को बारूद (Explosives) लगाकर गिरा दिया गया।
घटना योजना क्रमांक 54, पीयू-4 (Yojana Kramank 54, PU-4) की है, जहां नाले से 9 मीटर की दूरी पर बनी बिल्डिंग को पहले पोकलेन से तोड़ा गया और फिर विस्फोटक लगाकर जमींदोज कर दिया गया। डॉ. मुंशी ने बताया कि उन्होंने इस इमारत में अस्पताल (Hospital) खोलने की योजना बनाई थी और 22 नवंबर 2020 (22 November 2020) को नक्शा पास कराया था। वह स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में मेडिकल ऑफिसर रह चुके हैं और 31 मई 2025 को रिटायर हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि निर्माण के दौरान ड्रेनेज लाइन दिखने पर अधिकारियों से संपर्क किया गया था, जिन्होंने काम जारी रखने की अनुमति दी।
बिल्डिंग गिरने के बाद नगर निगम (Municipal Corporation) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। महापौर पूष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) ने जांच के आदेश दिए हैं और मकान मालिक से लिखित शिकायत मांगी है। उन्होंने माना कि इमारत को गिराने में प्रक्रिया का पालन होता नजर नहीं आ रहा। वहीं, भवन अधिकारी (Building Officer) और भवन निरीक्षक (Building Inspector) का ट्रांसफर कर दिया गया है।
महापौर परिषद (Mayor Council) के सदस्य राजेश उदावत (Rajesh Udawat) ने राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Urban Development Minister Kailash Vijayvargiya) को पत्र लिखकर इंजीनियर असित खरे (Asit Khare) पर आरोप लगाया है कि उन्होंने गलत नक्शा पास किया था और अब उन्हें उसी जोन में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे (Chintu Chouksey) ने पूरे मामले में विभागीय जांच और दोषियों को निलंबित करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि सिर्फ ट्रांसफर कोई सजा नहीं है, यह ध्यान भटकाने की कोशिश है।
इस बीच, सवाल उठ रहा है कि यदि निर्माण गलत था तो पूरा मकान क्यों गिराया गया? क्या नगर निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं? जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।






