Polio Cases in Pakistan एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। पाकिस्तान में पोलियो (Polio) को लेकर अंधविश्वास और कट्टरपंथी सोच के कारण बच्चों को जीवन रक्षक दो बूंद की दवा (Oral Polio Vaccine) तक नहीं दी जा रही है। पंजाब (Punjab) से लेकर खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) और गिलगित बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) तक के इलाकों में पोलियो ड्रॉप पिलाने वाली टीमों को विरोध, हिंसा और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में गिलगित बाल्टिस्तान में एक नया पोलियो केस सामने आया है, जिससे इस साल अब तक 11 लोग पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में पोलियो का शिकार हो चुके हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह आंकड़ा बीते साल 70 था, और पिछले डेढ़ साल में कुल 81 लोग पोलियो से संक्रमित हो चुके हैं। इस महामारी के पीछे सबसे बड़ा कारण है वहां की जनता का वैक्सीन को लेकर अविश्वास। पाकिस्तान में 1 से 5 साल की उम्र के बच्चों को साल में कम से कम एक बार पोलियो ड्रॉप दी जाती है, जो पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। इसी दवा की बदौलत भारत (India) समेत कई देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान (Afghanistan) जैसे देशों में अब भी इसका विरोध किया जाता है।
खासतौर पर बलूचिस्तान (Balochistan), सिंध (Sindh) और खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) जैसे इलाकों में पोलियो टीमें जान हथेली पर रखकर काम कर रही हैं। कट्टरपंथी सोच रखने वाले लोगों का मानना है कि पोलियो की दवा एक पश्चिमी साजिश है जिसका मकसद मुसलमानों को नपुंसक बनाना है ताकि उनकी जनसंख्या घटाई जा सके। इसके अलावा कुछ लोग इसे अपने धर्म के खिलाफ भी मानते हैं।
इस सोच का खौफनाक असर यह है कि पोलियो अभियान में लगे स्वास्थ्यकर्मियों की जान पर भी बन आती है। बीते सप्ताह ही एक पुलिस जवान जो पोलियो टीम को सुरक्षा दे रहा था, उसे मार डाला गया। ऐसे हमले पहले भी कई बार हो चुके हैं और कई स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं।
पाकिस्तान में इस साल अब तक तीन बार राष्ट्रीय पोलियो मुक्त अभियान चलाया जा चुका है, जिसमें 159 जिलों को कवर करने की कोशिश की गई है। लेकिन फिर भी कई संवेदनशील क्षेत्रों में पोलियो ड्रॉप देने से परहेज किया जा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि आज भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया के वे इकलौते देश हैं जहां पोलियो महामारी के रूप में मौजूद है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) और पाकिस्तान सरकार लगातार इस बीमारी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कट्टरपंथ और भ्रांतियों के चलते पोलियो टीमों को ही निशाना बनाया जा रहा है। यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो पाकिस्तान के लिए यह स्वास्थ्य संकट और गहरा हो सकता है।






