India Turkey Relations Break : ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत और तुर्की (Turkey) के बीच रिश्तों में तीखापन अब खुलकर सामने आ गया है। इस बार झटका शिक्षा के क्षेत्र में भी दिखाई दिया है। पहली बार किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी ने तुर्की के साथ सभी शैक्षणिक समझौते तोड़ दिए हैं। फगवाड़ा (Phagwara) स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (Lovely Professional University – LPU) ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तुर्की (Turkey) और अजरबैजान (Azerbaijan) के साथ अपने सभी छह अकादमिक समझौतों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
LPU के संस्थापक चांसलर और राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल (Dr. Ashok Kumar Mittal) ने स्पष्ट कहा कि जब हमारे सैनिक सीमाओं पर जान की बाजी लगा रहे हैं, तब एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमें भी राष्ट्रीय हितों के साथ खड़ा होना चाहिए। यह निर्णय देश के लिए एक मजबूत संदेश है कि शिक्षा भी अब राष्ट्रहित में अपनी भूमिका निभा रही है।
सुरक्षा, विमानन, व्यापार और शिक्षा पर एक साथ हमला
भारत सरकार ने तुर्की के साथ सभी तरह के समझौतों की समीक्षा शुरू कर दी है। कई समझौते रद्द हो चुके हैं। नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security) ने तुर्की की सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Celebi Airport Services India Pvt. Ltd.) की सुरक्षा मंजूरी को “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में” रद्द कर दिया है। यह कंपनी देश के 9 बड़े हवाई अड्डों – मुंबई (Mumbai), दिल्ली (Delhi), कोचीन (Cochin), कन्नूर (Kannur), बेंगलुरु (Bengaluru), हैदराबाद (Hyderabad), गोवा (Goa – GOX), अहमदाबाद (Ahmedabad) और चेन्नई (Chennai) में सेवाएं दे रही थी।
AIU ने देशभर की यूनिवर्सिटीज़ को लिखा पत्र
एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (Association of Indian Universities – AIU) ने सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर तुर्की, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ सभी शैक्षणिक समझौते निलंबित करने का आग्रह किया है। इसके बाद LPU इस दिशा में पहला कदम उठाने वाली प्राइवेट यूनिवर्सिटी बन गई है।
जेएनयू (JNU), जामिया (Jamia), और सीएसजेएमयू (CSJMU) जैसे संस्थान भी लाइन में
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University – JNU) ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय (Inonu University) के साथ समझौते को निलंबित कर दिया है। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (CSJMU Kanpur) ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) फिलहाल अपने तुर्की कॉलेजों के साथ संबंधों की समीक्षा कर रहा है।
तुर्की के पर्यटन स्थलों और फ्लाइट्स का भी बहिष्कार शुरू
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) ने भी यूनुस एमरे इंस्टीट्यूट (Yunus Emre Institute) के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर दिया है। अब आम जनता भी तुर्की की उड़ानों और पर्यटन स्थलों के बहिष्कार का आह्वान कर रही है। तुर्की एयरलाइंस (Turkish Airlines) फिलहाल भारत के 10 हवाई अड्डों से 56 साप्ताहिक उड़ानों का संचालन करती है, जो 131 देशों के 352 शहरों तक यात्रियों को पहुंचाती है। लेकिन अब इन उड़ानों पर भी बहिष्कार का असर दिखाई देने लगा है।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ कूटनीतिक मोर्चे पर नहीं, बल्कि रणनीतिक और शैक्षणिक स्तर पर भी तुर्की को माक़ूल जवाब देने के मूड में है। शिक्षा जगत में LPU द्वारा उठाया गया यह कदम आने वाले दिनों में और भी संस्थानों के लिए मिसाल बन सकता है।






