Nirav Modi Bail Rejection : भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को एक बार फिर लंदन हाईकोर्ट (London High Court) से बड़ा झटका लगा है। पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank – PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी की 10वीं जमानत याचिका (Bail Plea) को हाई कोर्ट ऑफ जस्टिस, किंग्स बेंच डिवीजन (High Court of Justice, King’s Bench Division) ने खारिज कर दिया है। यह जानकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को दी। नीरव मोदी करीब छह वर्षों से ब्रिटेन की जेल में बंद है और अपनी प्रत्यर्पण (Extradition) से जुड़ी लड़ाई लड़ रहा है।
CBI के अनुसार, नीरव मोदी की नई जमानत याचिका को ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (Crown Prosecution Service – CPS) के वकील ने कड़े तर्कों के साथ चुनौती दी, जिसमें भारतीय जांच एजेंसी CBI की टीम ने भी सहयोग किया। जांच और कानूनी अधिकारियों की यह टीम विशेष रूप से इस कार्य के लिए लंदन पहुंची थी। यह उनकी 10वीं याचिका थी, जिसे ब्रिटिश अदालत ने खारिज कर दिया।
लंदन हाईकोर्ट पहले ही नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण (Extradition to India) की मंजूरी दे चुकी है ताकि वह भारतीय कानून का सामना कर सके। इस समय नीरव मोदी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) और CBI द्वारा गंभीर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले दर्ज हैं।
नीरव मोदी को PNB के 6,498.20 करोड़ रुपये के घोटाले में ‘वांटेड’ घोषित किया गया है। उसने जनवरी 2018 में इस घोटाले के उजागर होने से पहले ही भारत छोड़ दिया था। मार्च 2019 से वह लंदन की जेल में बंद है। CBI के मुताबिक, नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (FLCs) के ज़रिए PNB को 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया।
मुंबई (Mumbai) की ब्रैडी हाउस शाखा (Brady House Branch) के कुछ अधिकारियों ने नीरव मोदी की कंपनियों को बिना किसी अधिकृत सीमा या नकद मार्जिन के ये LoUs और FLCs जारी किए। साथ ही बैंक के केंद्रीय सिस्टम में इनका कोई रिकॉर्ड नहीं डाला गया जिससे कोई जांच नहीं हो सके। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नीरव मोदी की कंपनियों ने SBI (Mauritius), इलाहाबाद बैंक (Hong Kong), एक्सिस बैंक (Hong Kong), बैंक ऑफ इंडिया (Antwerp), केनरा बैंक (Mamama) और SBI (Frankfurt) जैसी विदेशी शाखाओं से कर्ज लिया। जब कंपनियां कर्ज नहीं चुका सकीं, तो PNB को ब्याज समेत रकम वापस चुकानी पड़ी।
2020 में मुंबई की एक अदालत (Mumbai Court) ने नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (Fugitive Economic Offender) घोषित किया और उसकी संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया। सितंबर 2024 में ED ने 29.75 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और बैंक बैलेंस को अपराध से अर्जित आय बताते हुए ज़ब्त कर लिया। CBI ने यह भी बताया कि नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लागू करवाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है।
इस घोटाले के दूसरे मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को हाल ही में बेल्जियम (Belgium) में गिरफ्तार किया गया, जहां वह इलाज के लिए गया था। अब दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।






