Indus Water Treaty India Pakistan Conflict — पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने हाल ही में भारत (India) के खिलाफ बयानबाजी करते हुए कहा कि अगर सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) का मसला नहीं सुलझा, तो भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहा सीजफायर (Ceasefire) खतरे में पड़ सकता है। इशाक डार ने सीएनएन (CNN) को दिए इंटरव्यू में साफ शब्दों में कहा कि अगर यह जल विवाद हल नहीं हुआ, तो इसे जंग जैसी हरकत माना जाएगा।
इशाक डार ने बातचीत में दावा किया कि पाकिस्तान जमीन और आसमान दोनों मोर्चों पर भारत से मुकाबला करने में सक्षम है। हालांकि, हाल ही में पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के बाद बने तनावपूर्ण हालात में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इसके बावजूद डार ने परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की तैनाती की किसी योजना से इनकार किया और कहा कि पाकिस्तान तनाव को बिना परमाणु विकल्प के भी नियंत्रित कर सकता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, डार ने जल विवाद को लेकर धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर अगली भारत-पाकिस्तान मीटिंग में सिंधु जल विवाद का समाधान नहीं निकला, तो यह शांति के लिए गंभीर खतरा होगा। उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि अगर भारत ने जल आपूर्ति को रोका, तो पाकिस्तान इसे युद्ध जैसी कार्रवाई मानेगा।
डार ने साथ ही जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) का भी जिक्र किया और कहा कि अगर कश्मीर मुद्दे का हल नहीं निकला, तो क्षेत्र में स्थायी शांति मुमकिन नहीं है। उनका कहना था कि कश्मीर (Kashmir) का मुद्दा क्षेत्रीय स्थिरता के लिए उतना ही जरूरी है जितना सिंधु जल समझौता।
भारत सरकार ने हाल ही में सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार की बात करते हुए पनबिजली परियोजनाओं (Hydropower Projects) में तेजी लाने के संकेत दिए हैं। इसके तहत कई डैम निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे पाकिस्तान में चिंता की लहर दौड़ गई है। खासतौर पर पंजाब (Punjab) और सिंध (Sindh) प्रांत में जहां सिंधु नदी (Indus River) के जल पर खेती और पीने के पानी की पूरी निर्भरता है।
भारत द्वारा अभी तक कोई प्रत्यक्ष जल अवरोध नहीं किया गया है, लेकिन पाकिस्तान को आशंका है कि अगर भारत ने सिंधु नदी का जल मोड़ने में सफलता पाई, तो वह गंभीर जल संकट का सामना करेगा। इसी डर के चलते पाकिस्तानी मंत्री अब खुलेआम धमकियों पर उतर आए हैं।
डार के हालिया बयानों से साफ जाहिर होता है कि सिंधु जल समझौता पाकिस्तान के लिए केवल एक संसाधन का मामला नहीं, बल्कि उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और कृषि व्यवस्था से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा बन चुका है। ऐसे में भारत की तरफ से किसी भी तरह की सख्ती या परियोजना प्रगति पर पाकिस्तान की तीव्र प्रतिक्रिया आना तय है।






