Operation Sindoor के सफल संचालन के बाद भारतीय राजनीति और सुरक्षा गलियारों में हलचल तेज हो गई है। बीती रात पाकिस्तान (Pakistan) और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मिलने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) प्रधानमंत्री आवास (Prime Minister Residence) पहुंचे। माना जा रहा है कि यह मुलाकात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की समीक्षा और आगे की रणनीति पर केंद्रित थी।
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम (Pahalgam) हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों के बाद भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई इस जवाबी कार्रवाई को भारत का दृढ़ संदेश बताया। शाह ने सभी अर्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) को आदेश दिया कि वे छुट्टी पर गए कर्मियों को तत्काल वापस बुलाएं और सीमावर्ती इलाकों में पूरी सतर्कता बरती जाए। उन्होंने जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) के साथ निरंतर संपर्क में रहते हुए आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि आपात स्थिति में नागरिकों को आश्रय देने हेतु बंकरों (Bunkers) को पूरी तरह से तैयार रखा जाए। उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा (Internal Security) की समीक्षा करते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना रहने और निरंतर निगरानी करने को कहा।
गौरतलब है कि यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष लोगों के बाद की गई। भारतीय सशस्त्र बलों ने आधी रात एक बजकर 44 मिनट पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान और पीओके में स्थित लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के नौ ठिकानों को निशाना बनाया।
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह हमले केवल आतंकवादी ढांचों पर केंद्रित थे और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने लक्ष्य चुनने और उन्हें अंजाम देने में अत्यंत संयम दिखाया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने इन हमलों को युद्ध की कार्रवाई बताते हुए प्रतिक्रिया दी है, लेकिन भारत की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि यह कार्यवाही सीमित, केंद्रित और संतुलित थी ताकि मामला और न बढ़े।
प्रधानमंत्री मोदी खुद इस सैन्य अभियान की बारीकी से निगरानी कर रहे थे, और इसकी सफलता के बाद उन्होंने अपने वरिष्ठ मंत्रियों को बुलाकर रणनीतिक समीक्षा की। यह दर्शाता है कि भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब पूरी तैयारी और सटीकता के साथ देगा।






