Operation Sindoor : भारत सरकार ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की जानकारी सार्वजनिक करते हुए बताया कि कैसे भारतीय सेना ने एक साथ छह बड़े आतंकी हमलों का बदला लिया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान (Pakistan) और पीओके (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले कर 90 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। इस बड़े और सुनियोजित सैन्य अभियान में पार्लियामेंट अटैक (Parliament Attack) से लेकर पहलगाम (Pahalgam) हमले तक का बदला लिया गया। सरकार द्वारा जारी किए गए वीडियो में इन सभी हमलों की स्पष्ट झलक दिखाई गई।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा एक वीडियो दिखाया, जिसमें 2001 का संसद हमला (Parliament Attack), 2002 का अक्षरधाम मंदिर हमला (Akshardham Temple Attack), 2008 का मुंबई हमला (Mumbai Attack), 2016 का उरी हमला (Uri Attack), 2019 का पुलवामा हमला (Pulwama Attack) और 2025 का पहलगाम हमला (Pahalgam Attack) शामिल था। इन हमलों में पिछले दो दशकों में कुल मिलाकर 350 से अधिक नागरिक मारे गए, 800 से ज्यादा घायल हुए और 600 से अधिक भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई।
वीडियो में स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया गया कि अब भारत और सहन नहीं करेगा। इसके बाद स्क्रीन पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) का लोगो उभरा, जिससे यह जाहिर हुआ कि भारत ने बीते दो दशकों के इन सभी आतंकी हमलों का एक साथ बदला लिया है।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। 2016 में उरी हमले (Uri Attack) के बाद भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की थी और 2019 में पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के बाद भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था।
इसी क्रम में, 22 अप्रैल 2025 को लश्कर ए तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के मुखौटा संगठन टीआरएफ (TRF) द्वारा पहलगाम (Pahalgam) में हुए हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने साफ कर दिया था कि इस बार कार्रवाई केवल जवाब देने तक सीमित नहीं होगी, बल्कि आतंकी ढांचे को जड़ से खत्म करने तक जाएगी।
सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को एक जिम्मेदार और संतुलित सैन्य कार्रवाई बताया है, जिसका उद्देश्य टकराव बढ़ाना नहीं बल्कि आतंकवाद को खत्म करना है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि यह जरूरी था कि उन आतंकियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए, जिन्होंने हमलों की साजिश रची और उन्हें अंजाम दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण भारत को यह कदम उठाना पड़ा। पाकिस्तान इस दौरान सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप और सच से इनकार करता रहा।
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि भारत की बदली हुई रणनीति का प्रतीक है, जिसमें अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि ठोस परिणाम भी दिए जा रहे हैं। इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि भारत अब आतंकी हमलों का जवाब तुरंत और प्रभावशाली तरीके से देगा।






