Balochistan Attack Pakistan : पाकिस्तान (Pakistan) की हालत इन दिनों अंदर से ही बदहाल होती जा रही है। बलूचिस्तान (Balochistan) के कलात (Kalat) जिले में हाल ही में हुई हिंसक घटना ने यह साबित कर दिया कि देश आंतरिक संघर्ष की आग में जल रहा है। मोंगोचार (Monguchar) इलाके में हुए इस हमले में नेशनल हाईवे (National Highway) को बंदूकधारियों ने पूरी तरह जाम कर दिया। यही नहीं, कई सरकारी इमारतें (Government Buildings) जैसे नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान (National Bank of Pakistan) और स्थानीय अदालत को आग के हवाले कर दिया गया। चश्मदीदों के मुताबिक इस आगजनी में भारी नुकसान हुआ है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि हमलावरों ने क्वेटा-कराची हाईवे (Quetta-Karachi Highway) पर खड़े वाहनों को रोक कर यात्रियों से पूछताछ की। खासकर पंजाबी मूल (Punjabi origin) के लोगों की पहचान की जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह हमला बलूच लिबरेशन आर्मी (Baloch Liberation Army) द्वारा किया गया, जो लंबे समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सक्रिय है। उनका मकसद पंजाबी लोगों को टारगेट करना था, और ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं।
घटना के दौरान सशस्त्र हमलावरों ने कई इमारतों पर कब्जा कर लिया था। सुरक्षाकर्मियों के पहुंचने से पहले ही वे फरार हो गए और कोई भी हाथ नहीं आ सका। घंटों की मशक्कत के बाद हाईवे को फिर से खोलने में कामयाबी मिल पाई। इस हमले ने पाकिस्तान की कानून व्यवस्था और आतंरिक हालात की पोल खोल दी है।
इसके साथ ही सिंध (Sindh) में पानी के बंटवारे को लेकर मचा हाहाकार भी गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। स्थानीय लोग पानी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं और हाईवे जाम कर दिया है। ये हालात पाकिस्तान के भीतर अस्थिरता और प्रशासन की नाकामी को दर्शाते हैं।
एक और बड़ी घटना शुक्रवार रात को सामने आई जब मोटरसाइकिल पर सवार हथियारबंद हमलावरों ने एक चेक पोस्ट पर हमला किया। उन्होंने टोल कर्मचारी हक नवाज लांगोवे (Haq Nawaz Langove) की गोली मारकर हत्या कर दी और सड़क पर बने एक पुल को विस्फोटक से उड़ा दिया। हालांकि इस विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन इससे साफ है कि पाकिस्तान में आतंरिक अशांति अब चरम पर है।
पाकिस्तान जो अक्सर भारत में आतंकवाद फैलाने के आरोपों में घिरा रहता है, आज खुद अपने देश में आंतरिक आतंक का शिकार बनता जा रहा है। बलूच और सिंधी इलाकों में जो हालात हैं, वे किसी सिविल वार (Civil War) से कम नहीं लगते। पाकिस्तान सरकार और सेना के लिए यह बड़ा खतरा बन चुका है।






