National Herald Case : नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है, जहां दिल्ली (Delhi) की एक विशेष अदालत ने कांग्रेस (Congress) नेताओं सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि आरोपपत्र (Charge Sheet) पर संज्ञान लेते समय आरोपियों को अपना पक्ष रखने का अधिकार है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने (Vishal Gogne) ने यह भी जोड़ा कि निष्पक्ष सुनवाई के लिए यह अधिकार न्यायिक प्रक्रिया की आत्मा है। कोर्ट ने दोनों को नोटिस आज शाम तक भेजने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 मई को निर्धारित की गई है।
यह केस 2012 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) की ओर से दाखिल की गई शिकायत से शुरू हुआ था। मामला नेशनल हेराल्ड (National Herald) अखबार, इसके प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young Indian Pvt Ltd) से जुड़ा है। नेशनल हेराल्ड की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने की थी और यह अखबार भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ रहा है।
इस केस में आरोप है कि कांग्रेस ने AJL को 90.21 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था, जिसे कभी वापस नहीं किया गया। वर्ष 2010 में यह कर्ज मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन (Young Indian) को ट्रांसफर कर दिया गया। खास बात यह रही कि इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है। यंग इंडियन को AJL की 99% हिस्सेदारी और इसके अंतर्गत आने वाली 2000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों पर नियंत्रण मिल गया।
सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि यह लेन-देन एक आपराधिक साजिश है, जो धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक विश्वासघात का मामला बनाता है। उनका आरोप है कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग कर निजी संपत्ति अर्जित की गई।
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने 2021 में इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। इसके तहत अप्रैल 2025 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें उन्हें क्रमशः आरोपी नंबर 1 और 2 नामित किया गया है। ED का यह भी कहना है कि यंग इंडियन ने किसी प्रकार की चैरिटेबल गतिविधि नहीं की, जबकि इसके गठन का उद्देश्य यही बताया गया था।
ईडी का आरोप है कि संपत्ति हस्तांतरण योजना वास्तव में एक आपराधिक साजिश का हिस्सा थी। दूसरी ओर, कांग्रेस इस पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार देती रही है और इसे सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज दबाने का हथकंडा बताती रही है।
यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है और कोर्ट के नए नोटिस के बाद गांधी परिवार (Gandhi Family) की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। अगली सुनवाई पर देशभर की नजरें टिकी रहेंगी, क्योंकि यह फैसला भारतीय राजनीति के भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है।






