Punjab Water Dispute : पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के बीच भाखड़ा नहर (Bhakra Canal) से पानी के बंटवारे को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सियासी टकराव में बदलता जा रहा है। इस गंभीर मुद्दे पर पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ (Chandigarh) स्थित पंजाब भवन (Punjab Bhawan) में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने राज्य की जल स्थिति पर विपक्षी नेताओं को जानकारी दी।

हालांकि इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) को छोड़कर बाकी विपक्षी दलों के प्रमुख नहीं पहुंचे और केवल प्रतिनिधियों को भेजा। मीटिंग के बाद सीएम मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कहा कि “पंजाब के पानी को एक फरमान के जरिए हरियाणा को देने का निर्णय किया गया है, जो अस्वीकार्य है।” उन्होंने बताया कि सोमवार को 12 बजे विधानसभा का स्पेशल सेशन (Special Session) बुलाया गया है, जिसकी गवर्नर (Governor) से मंजूरी मिल चुकी है।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि “प्यार से पंजाबियों से जान ले लो, लेकिन पानी लेने का तरीका सही नहीं है। हम इस स्थिति को भविष्य में दोहराने से रोकने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।” वहीं, बैठक में प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव भी सामने आया है, जिसे नोट कर लिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि सेशन में सभी नेताओं को बोलने का पूरा मौका दिया जाएगा।
इस मीटिंग में मौजूद BJP पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दो टूक कहा कि “हमारे पास एक बूंद पानी भी नहीं है, फिर भी हम मानवता के आधार पर 4,000 क्यूसिक पानी दे रहे हैं। लेकिन पंजाबी कभी भी धक्का बर्दाश्त नहीं करते।” उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने और ब्रिज बनाने तक की बात कही। जाखड़ ने कहा कि “हमें किसी से पंजाबी होने का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।”
अकाली दल (Akali Dal) के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ (Balwinder Singh Bhundar) ने कहा कि “यह पानी का मुद्दा पंजाब के लिए जिंदगी और मौत का सवाल है।” उन्होंने कानूनी, प्यार और बातचीत के रास्ते से मसला हल करने की बात कही। भूंदड़ ने केंद्र सरकार पर मामला उलझाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर सोमवार के सेशन के बाद फैसला होगा।
उधर, हरियाणा सरकार इस मामले को लेकर हाईकोर्ट (High Court) जाने की तैयारी में है। खबर है कि एडवोकेट जनरल (Advocate General) को याचिका का ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। हरियाणा की जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी (Shruti Choudhry) ने भी पंजाब सरकार के रुख पर तीखी आपत्ति जताई है।
पंजाब का यह पानी विवाद अब केवल दो राज्यों का प्रशासनिक मसला नहीं रहा, बल्कि राजनीति, संवेदनशीलता और अधिकारों से जुड़ा अहम मुद्दा बन चुका है, जो आने वाले दिनों में और भी गरमा सकता है।








