Bhakra Canal Water Reduction : पंजाब (Punjab) की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने हरियाणा (Haryana) को पानी सप्लाई में बड़ी कटौती करके राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) की सरकार ने भाखड़ा नहर (Bhakra Canal) से हरियाणा को मिलने वाला पानी 9500 क्यूसिक से घटाकर अब सिर्फ 4000 क्यूसिक कर दिया है। इस फैसले से हरियाणा में न केवल सिंचाई पर असर पड़ेगा, बल्कि पीने के पानी की किल्लत भी गहराने की संभावना है।
ਬੀਜੇਪੀ ਦੀ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਪਾਣੀਆਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਇੱਕ ਹੋਰ ਕੋਝੀ ਚਾਲ ਚੱਲੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ, ਅਸੀਂ ਕਿਸੇ ਕੀਮਤ 'ਤੇ ਇਸਨੂੰ ਕਾਮਯਾਬ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦੇਵਾਂਗੇ।
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भाजपा की केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के पानी को लेकर एक और गंदी चाल चली जा रही है, हम इसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। pic.twitter.com/Kffw8ZQEoK— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 29, 2025
पानी की कटौती से हरियाणा में बढ़ेगी मुश्किल
करीब 15 दिन पहले यह कटौती लागू की गई थी, जिसका असर मई (May) के मध्य तक यानी 20 मई से नजर आने लगेगा। इस फैसले से हरियाणा के हिसार (Hisar), फतेहाबाद (Fatehabad), सिरसा (Sirsa), रोहतक (Rohtak) और महेंद्रगढ़ (Mahendragarh) जैसे जिलों में पानी की गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। इन इलाकों में न केवल सिंचाई प्रभावित होगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल संकट भी गहराने की संभावना है।
हरियाणा सीएम सैनी ने जताया विरोध
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और पंजाब के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक, सैनी ने इसे “अनुचित” करार देते हुए मांग की कि हरियाणा को तय शर्तों के अनुसार पूरा 9500 क्यूसिक पानी दिया जाए। हरियाणा सरकार का कहना है कि पंजाब का यह फैसला न केवल जल समझौतों का उल्लंघन है, बल्कि इससे कृषि और जनजीवन पर विपरीत असर पड़ेगा।
भाखड़ा से मिलता है हरियाणा को जीवनदायिनी पानी
भाखड़ा नहर (Bhakra Canal) का पानी सतलज (Sutlej) नदी से आता है और यह भाखड़ा नांगल परियोजना (Bhakra Nangal Project) का हिस्सा है। इससे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान (Rajasthan) के कई हिस्सों में सिंचाई और पेयजल के लिए पानी सप्लाई किया जाता है। यह पानी कई जिलों के लिए एकमात्र स्रोत भी है, खासकर उन इलाकों में जहां भूजल का स्तर बेहद नीचे है।
1981 जल समझौता और SYL परियोजना का संदर्भ
1976 में केंद्र सरकार ने 7.2 मिलियन एकड़ फीट (MAF) पानी में से 3.5 एमएएफ पानी हरियाणा को देने का आदेश जारी किया था। इसी के लिए SYL (Sutlej-Yamuna Link) नहर परियोजना बनाई गई थी। लेकिन विवाद के चलते 1981 में फिर से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच पानी के बंटवारे का नया समझौता हुआ। वर्तमान में हरियाणा को पंजाब से 1.8 एमएएफ पानी मिल रहा है।
पानी पर सियासत और जनता पर असर
भाखड़ा नहर का यह मुद्दा न केवल तकनीकी और कानूनी है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बन चुका है। पंजाब और हरियाणा की सरकारों के बीच तल्खी बढ़ने की संभावना है, वहीं आम जनता को इसकी सीधी कीमत चुकानी पड़ सकती है – पीने के पानी की कमी और खेतों की सिंचाई में बाधा के रूप में।






