Mayawati on Akash Anand: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी में परिवारवाद के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने दो हफ्ते पहले अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को पार्टी के सभी पदों से हटाने के बाद पहली बार इस मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि बसपा किसी व्यक्ति या रिश्तेदारी की पार्टी नहीं है, बल्कि यह एक विचारधारा और आंदोलन की पार्टी है।
बसपा के लिए परिवार नहीं, समाज सर्वोपरि – मायावती
लखनऊ (Lucknow) में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने साफ कहा कि उनके सभी रिश्तेदार सिर्फ उनके बहुजन परिवार का हिस्सा हैं और बसपा में आगे वही बढ़ेगा, जो समाज के लिए काम करेगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि बसपा को कमजोर करने की साजिशें हो रही हैं और कुछ राजनीतिक दल जानबूझकर ऐसे संगठन बना रहे हैं, जो बसपा के खिलाफ काम कर रहे हैं।
दलित राजनीति पर हमला? मायावती का बड़ा आरोप
मायावती ने कहा कि सत्ता में रहने वाली पार्टियां और विपक्षी दल बसपा को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) और कांशीराम (Kanshi Ram) का जिक्र करते हुए कहा कि इन महान नेताओं के समय भी इस तरह की साजिशें रची गई थीं, लेकिन वे कभी सफल नहीं हुए। उन्होंने वादा किया कि बसपा को कमजोर करने की किसी भी चाल को सफल नहीं होने देंगी और इसके लिए उन्हें पूरे बहुजन समाज का समर्थन चाहिए।
2007 के बाद दलितों का सम्मान बढ़ा – मायावती
उन्होंने कहा कि 2007 में जब बसपा ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी, तब से दलितों के लिए कई ऐतिहासिक बदलाव आए। इससे पहले दलितों को उच्च जाति के लोगों के सामने बैठने तक की अनुमति नहीं थी, लेकिन बसपा सरकार के बाद से दलित सम्मान के साथ कुर्सी पर बैठते हैं।
मायावती ने साफ कहा कि 2007 में बसपा की ऐतिहासिक जीत को विरोधियों ने कभी हजम नहीं किया और तभी से दलित राजनीति को कमजोर करने की साजिशें जारी हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे एकजुट रहें और बसपा के आंदोलन को आगे बढ़ाएं।