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Home NEWS-TICKER

चीन का DeepSeek-V3: OpenAI और Google के खिलाफ AI का नया योद्धा!

DeepSeek-V3: अमेरिकी पाबंदियों के बावजूद चीन का AI कमाल, ChatGPT और Gemini को देगा कड़ी टक्कर

The News Air by The News Air
सोमवार, 27 जनवरी 2025
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DeepSeek-V3
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DeepSeek-V3: AI टेक्नोलॉजी पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच चीन ने एक नया इतिहास रच दिया है। चाइनीज स्टार्टअप DeepSeek ने अपने एडवांस AI सिस्टम DeepSeek-V3 को पेश किया है, जो OpenAI के ChatGPT, Google के Gemini और Meta के AI प्रोडक्ट्स के लिए चुनौती बनकर उभरा है। खास बात यह है कि DeepSeek ने केवल 2,000 Nvidia चिप्स और $6 मिलियन (लगभग ₹49 करोड़) की कंप्यूटिंग पावर का उपयोग करते हुए ये कमाल किया है।

“DeepSeek-V3 ने दिखाया कि कैसे कम संसाधनों में बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।”

DeepSeek की बड़ी छलांग: कैसे किया ChatGPT को चुनौती?

DeepSeek-V3 का विकास चीन की एडवांस चिप्स तक सीमित पहुंच के बावजूद हुआ है। अमेरिकी सरकार ने चीन पर AI चिप एक्सपोर्ट (AI Chip Export Ban) की पाबंदियां लगाई हैं, लेकिन DeepSeek ने इन प्रतिबंधों को एक अवसर में बदल दिया। कंपनी ने ऐसी ट्रेनिंग तकनीक अपनाई, जो कम संसाधनों में अधिक कुशलता से काम करती है।

DeepSeek-V3 का प्रदर्शन:
  • सवाल-जवाब (Question-Answering)

  • तर्क समस्याएं हल करना (Logical Problem-Solving)

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यह AI सिस्टम न केवल शक्तिशाली है, बल्कि लागत में भी बेहद प्रभावशाली है। Meta ने जहां अपने AI सिस्टम के लिए $60 मिलियन (₹490 करोड़) खर्च किए, वहीं DeepSeek ने केवल 10% लागत में बेहतर नतीजे हासिल किए।

DeepSeek का ओपन-सोर्स दृष्टिकोण

DeepSeek ने अपने सिस्टम को ओपन-सोर्स (Open-Source) रखा है, जिससे वैश्विक डेवलपर्स इसका कोड एक्सेस कर सकते हैं। इस कदम से न केवल इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अन्य AI डेवलपर्स को भी नई तकनीकों का उपयोग करने का मौका मिलेगा।

कैसे DeepSeek ने अमेरिकी प्रतिबंधों को बनाया अपनी ताकत?

DeepSeek-V3 के विकास में सबसे बड़ी बाधा थी अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए चिप एक्सपोर्ट बैन (Chip Export Ban)। एडवांस AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए हजारों महंगी चिप्स की जरूरत होती है। आमतौर पर, AI सिस्टम ट्रेनिंग के लिए 16,000 से अधिक चिप्स वाले सुपर कंप्यूटर का उपयोग करते हैं। लेकिन DeepSeek ने केवल 2,000 Nvidia चिप्स का उपयोग किया और उस पर आधारित इनोवेटिव ट्रेनिंग तकनीकों को अपनाया।

द न्यूयॉर्क टाइम्स (The New York Times) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के रिसर्चर्स ने बेहद सीमित संसाधनों के साथ ऐसा मॉडल तैयार किया, जो बड़े अमेरिकी AI प्लेटफॉर्म्स को टक्कर देने की क्षमता रखता है।


DeepSeek-V3 के फायदे: क्यों है यह खास?
  1. कम लागत, उच्च दक्षता:
    DeepSeek ने केवल $6 मिलियन (₹49 करोड़) की लागत में इस सिस्टम को तैयार किया। इसकी तुलना में Meta जैसे दिग्गज AI प्लेटफॉर्म्स ने 10 गुना ज्यादा खर्च किया।

  2. ओपन-सोर्स इनोवेशन:
    DeepSeek का कोड ओपन-सोर्स है, जिससे दुनियाभर के डेवलपर्स इस सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं। इससे AI डेवलपमेंट (AI Development) में सहयोग और तेजी आएगी।

  3. अमेरिकी चिप प्रतिबंधों का समाधान:
    एडवांस चिप्स तक सीमित पहुंच ने DeepSeek के इंजीनियरों को ऐसी ट्रेनिंग तकनीक विकसित करने के लिए प्रेरित किया, जो कम चिप्स में अधिक आउटपुट देती है।

AI की दुनिया में चीन की नई शुरुआत

DeepSeek-V3 का लॉन्च दिखाता है कि चीन अब AI की दुनिया में एक मजबूत खिलाड़ी बन चुका है। अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद, इसने सीमित संसाधनों के साथ एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जो OpenAI, Google, और Meta जैसे दिग्गजों को सीधी टक्कर दे रहा है।

“DeepSeek ने AI टेक्नोलॉजी में चीन की ताकत को साबित कर दिया है।”


DeepSeek-V3 न केवल तकनीकी उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे कम संसाधनों के साथ बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। यह सिस्टम ChatGPT, Gemini, और Meta AI जैसे दिग्गजों को चुनौती देने के लिए तैयार है। इसके ओपन-सोर्स अप्रोच और किफायती AI मॉडल ने AI इंडस्ट्री को एक नई दिशा दी है।

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