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नई दिल्ली, 25 जनवरी (The News Air): आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Elections 2025) में भा.ज.पा. (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच शब्दों की लड़ाई अब तकनीकी रूप से भी तेज हो गई है। चुनावी प्रचार के इस दौर में जहां एक ओर नेता तीखे आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ए.आई. (AI) और मीम (Memes) के जरिए एक दूसरे पर जमकर कटाक्ष (Satire) किया जा रहा है। चुनावी पोस्टर, वन-लाइनर्स और मीम्स के माध्यम से इन पार्टियों के बीच की सियासी जंग अब एक नए आयाम तक पहुँच चुकी है।
आम आदमी पार्टी का भाजपा पर हमला:
आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली चुनाव में भा.ज.पा. को “भारतीय झूठी पार्टी” (Indian Liar Party) और “गाली-गलौज पार्टी” (Abusive Party) कहा है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “घोषणा मंत्री” (Announcement Minister) करार दिया है। आम आदमी पार्टी ने अपने कटाक्षपूर्ण नारों और मीम्स के जरिए भाजपा की वादाखिलाफी को लेकर “फर्जीवाल” (Fakewal) जैसे शब्द गढ़े हैं।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा मध्यम वर्ग (Middle Class) को “कर आतंक” (Tax Terrorism) के तहत शोषण करती है। इसके जवाब में भाजपा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली में कोई भी महत्वपूर्ण काम नहीं किया और कुप्रबंधन (Mismanagement) के लिए जिम्मेदार हैं।
भा.ज.पा. का आक्रामक रुख:
भा.ज.पा. ने इस सियासी जंग में “आप-दा” (AAP-Da) जैसे शब्द गढ़े हैं और केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह चुनाव से पहले वादा-वादे (Endless Promises) करने वाले नेता हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली को सिर्फ घोषणाओं (Announcements) से भर दिया है, जबकि जमीन पर कोई वास्तविक काम नहीं हुआ।
कांग्रेस का हमलावर अंदाज:
कांग्रेस ने भी इस जंग में अपनी एंट्री करते हुए “फर्जीवाल” (Fakewal) और “मोदी का छोटा रिचार्ज” (Modi’s Little Recharge) जैसे शब्दों से केजरीवाल पर तंज कसा है। कांग्रेस का आरोप है कि केजरीवाल ने भाजपा की राजनीतिक रणनीतियां (Political Strategies) अपनाई हैं, और यह चुनावी विवाद उसी के चलते बढ़ा है।
कांग्रेस ने अपनी “आप के पाप का पर्दाफाश” (Expose AAP’s Sins) जैसे नारों के साथ यह दावा किया है कि वह लोगों के सामने भाजपा और आप दोनों के कथित झूठ (False Claims) को उजागर कर सकेगी।
चुनावी प्रचार में AI का जादू:
अब ए.आई. (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल भी इस चुनावी लड़ाई में बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक दल अपने कटाक्षपूर्ण मीम्स (Satirical Memes) और वन-लाइनर्स (One-liners) बनाने के लिए ए.आई. के उपकरणों का सहारा ले रहे हैं। यह तकनीकी बदलाव न सिर्फ दलों के प्रचार के तरीकों को बदल रहा है, बल्कि यह मतदाताओं को हंसी-मज़ाक के जरिए आकर्षित करने का एक प्रभावी तरीका बन गया है।
क्या आप भी सोचते हैं कि AI और मीम्स ने दिल्ली चुनाव की राजनीति को नया मोड़ दिया है? नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर दें।