नई दिल्ली (New Delhi), 23 जनवरी (The News Air): WhatsApp और उसकी पैरेंट कंपनी Meta को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से बड़ी राहत मिली है। NCLAT ने कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें WhatsApp को अपने यूजर डेटा को Meta और उसकी अन्य कंपनियों के साथ पांच साल तक शेयर न करने का निर्देश दिया गया था।
इसके साथ ही NCLAT ने CCI द्वारा Meta पर लगाए गए ₹213.14 करोड़ के जुर्माने पर भी फिलहाल रोक लगा दी है। हालांकि, यह शर्त रखी गई है कि Meta को जुर्माने की 50% राशि अगले दो हफ्तों में जमा करनी होगी।
Meta और WhatsApp का पक्ष
Meta के प्रवक्ता ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा,
“हम NCLAT के इस आंशिक राहत के फैसले से संतुष्ट हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारा प्लेटफॉर्म उन लाखों बिजनेस और यूजर्स का समर्थन करे, जो WhatsApp पर निर्भर हैं।”
CCI का क्या था आदेश?
कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने मार्च 2021 में WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच शुरू की थी। इस पॉलिसी के तहत:
- डेटा कलेक्शन का दायरा बढ़ाया गया।
- यूजर्स के डेटा को Meta और उसकी अन्य कंपनियों के साथ शेयर करना अनिवार्य कर दिया गया।
CCI ने पाया कि इस पॉलिसी का मकसद यूजर्स के डेटा का व्यावसायिक उपयोग है। साथ ही CCI ने WhatsApp और Meta पर अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए जुर्माना लगाया और डेटा शेयरिंग पर रोक लगाने के निर्देश दिए।
WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी और विवाद
- 2021 में, WhatsApp ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने की कोशिश की, जिसमें डेटा शेयरिंग को अनिवार्य कर दिया गया था।
- इससे पहले, 2016 में यूजर्स के पास यह ऑप्शन था कि वे अपने डेटा को कंपनी के साथ शेयर करें या नहीं।
- जनवरी 2021 में पॉलिसी का ऐलान किया गया, लेकिन विरोध के बाद इसे कुछ समय के लिए रोक दिया गया।
भारत में WhatsApp:
- भारत में WhatsApp के 50 करोड़ से ज्यादा मासिक सक्रिय यूजर्स हैं।
- Meta के प्लेटफॉर्म्स का भारत में 1 अरब से अधिक का यूजर बेस है।
CCI के आदेश की मुख्य बातें:
- WhatsApp को डेटा शेयरिंग के उद्देश्य और प्रकृति की पूरी जानकारी देने के लिए कहा गया।
- विज्ञापन और अन्य व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए डेटा शेयरिंग की प्रक्रिया का विस्तार से विवरण देने का निर्देश।
- Meta पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया गया।
NCLAT का फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
NCLAT का यह फैसला Meta और WhatsApp के लिए राहतभरा है, क्योंकि:
- यह 50 करोड़ भारतीय यूजर्स के डेटा पर सीधे प्रभाव डालता है।
- Meta के खिलाफ CCI का आदेश, उसके बिजनेस मॉडल पर बड़ा सवाल खड़ा कर सकता था।
NCLAT के फैसले से WhatsApp और Meta को बड़ी राहत मिली है। हालांकि, यह मामला अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और आने वाले समय में CCI और Meta के बीच की कानूनी लड़ाई जारी रहने की संभावना है। भारतीय यूजर्स के डेटा प्राइवेसी और कंपनियों की जिम्मेदारी पर यह फैसला एक मिसाल कायम कर सकता है।