नई दिल्ली/वॉशिंगटन, 22 जनवरी (The News Air): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच फिर से एक महत्वपूर्ण मुलाकात हो सकती है, और यह बैठक अगले महीने फरवरी (February) में अमेरिका में आयोजित होने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय और अमेरिकी राजनयिकों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जो दोनों देशों के रिश्तों को नए सिरे से आकार देंगे।
पीएम मोदी और ट्रंप के रिश्तों की केमिस्ट्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं, और दोनों के बीच मुलाकातों में एक मजबूत और मैत्रीपूर्ण समझ रही है। फरवरी 2020 (February 2020) में ट्रंप ने भारत का दौरा किया था, जब अहमदाबाद (Ahmedabad) में लाखों भारतीयों की मौजूदगी में एक भव्य स्वागत हुआ था। इसके बाद ह्यूस्टन (Houston) में 2019 में आयोजित “हाउडी मोदी” (Howdy Modi) रैली ने दोनों नेताओं के बीच घनिष्ठ रिश्तों को और मजबूत किया था।
सूत्रों के मुताबिक, भारत (India) और अमेरिका (USA) के बीच इस मुलाकात का उद्देश्य चीन (China) के प्रभाव का मुकाबला करने की रणनीति को आगे बढ़ाना है। पीएम मोदी और ट्रंप दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं। इसके साथ ही, ट्रंप प्रशासन भारतीय नागरिकों के लिए कुशल श्रमिक वीजा (Skilled Worker Visa) प्राप्त करने में और आसानी करने पर भी ध्यान दे सकता है।
क्या होंगे चर्चा के प्रमुख मुद्दे?
ट्रंप और मोदी की इस बैठक में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जिनमें व्यापारिक संबंधों (Trade Relations), चीन (China) के बढ़ते प्रभाव, टैरिफ (Tariff) और प्रौद्योगिकी (Technology) तथा रक्षा साझेदारी (Defense Partnership) शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति, जो पहले भी भारत के खिलाफ उच्च टैरिफ (High Tariffs) लगाने की बात कर चुके हैं, इस मुद्दे पर भी मोदी से बातचीत कर सकते हैं। हालांकि, भारत अमेरिका को कुछ रियायतें देने के लिए तैयार है, लेकिन आधिकारिक तौर पर कोई योजना नहीं आई है।
इसके अतिरिक्त, यह बैठक भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद कर सकती है, जो 2023-24 में 118 बिलियन डॉलर (118 Billion Dollars) तक पहुंच चुका है। इस दौरान भारत ने 32 बिलियन डॉलर (32 Billion Dollars) का व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) दर्ज किया है।
ट्रंप का शपथ ग्रहण और भारत के लिए अवसर
ट्रंप के व्हाइट हाउस (White House) में लौटने के साथ ही भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि यह बैठक दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा दे सकती है। भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर (S. Jaishankar) ने भी ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था, और इस दौरान उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) से मुलाकात की। जयशंकर के मुताबिक, यह बैठक भारतीय-अमेरिकी रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
भारत-अमेरिका के व्यापार संबंध
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध अब एक नए मुकाम पर पहुंच चुके हैं। 2023-24 में 118 बिलियन डॉलर (118 Billion Dollars) का दोतरफा व्यापार रिकॉर्ड किया गया है। भारत के लिए यह एक बड़ी सफलता है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप 32 बिलियन डॉलर (32 Billion Dollars) का व्यापार अधिशेष दर्ज हुआ है। यह भारत के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरने का संकेत है।