नई दिल्ली (New Delhi) 22 जनवरी (The News Air): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जूट किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया। कच्चे जूट (Raw Jute) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 6% बढ़ाकर ₹5,650 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी मार्केटिंग सीजन 2025-26 से लागू होगी और इसका उद्देश्य जूट उत्पादकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बैठक के बाद जानकारी दी कि यह नया MSP, ऑल इंडिया वेटेड एवरेज कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन (All India Weighted Average Cost of Production) पर आधारित है, जिससे किसानों को 66.8% का रिटर्न सुनिश्चित होगा।
2014-15 से अब तक 2.35 गुना बढ़ोतरी : 2014-15 में कच्चे जूट का MSP ₹2,400 प्रति क्विंटल था। ताजा फैसले के साथ यह बढ़कर ₹5,650 प्रति क्विंटल हो गया है। यह 2.35 गुना वृद्धि किसानों की मेहनत और उनके अधिकारों को पहचानने का एक स्पष्ट संकेत है। सरकार का यह कदम न केवल जूट किसानों को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में स्थिरता और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा।
जूट उद्योग को मिलेगा फायदा : जूट भारत की एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसका उपयोग पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों जैसे जूट बैग, रस्सी, और अन्य सामान बनाने में होता है। MSP बढ़ने से जूट उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और यह किसानों को नई तकनीकों को अपनाने और उनकी फसल की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रेरित करेगा।
FCI चावल रिजर्व प्राइस में भी हुआ बदलाव : हाल ही में, केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के चावल रिजर्व प्राइस को राज्यों और एथेनॉल प्रोड्यूसर्स के लिए ₹550 प्रति क्विंटल घटाकर ₹2,250 प्रति क्विंटल कर दिया। इस बदलाव का उद्देश्य घरेलू बाजार में चावल की उपलब्धता और कीमत को संतुलित करना है।
एफसीआई के अनुसार, यह नई नीति 30 जून, 2025 तक लागू रहेगी। राज्य सरकारें और सरकारी निगम अब ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत कम कीमत पर चावल खरीद सकते हैं।
कैसे होगा किसानों को फायदा? : सरकार के इस फैसले से जूट किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा। MSP बढ़ोतरी से किसानों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने चावल उत्पादन और वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए एफसीआई पॉलिसी में भी बदलाव किया है। इससे छोटे और बड़े किसानों को समान रूप से लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। कच्चे जूट के MSP में 6% की बढ़ोतरी न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि भारत के जूट उद्योग को भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। इसके साथ ही, एफसीआई चावल के रिजर्व प्राइस में बदलाव से कृषि क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी।