इस्लामाबाद (Islamabad) 22 जनवरी (The News Air): पाकिस्तान के सबसे बड़े और सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत पंजाब (Punjab) की विधानसभा ने एक सख्त कानून पारित किया है, जिसके तहत पतंग उड़ाने पर स्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कानून पारंपरिक वसंत त्योहार (Basant Festival) से पहले लागू होगा, जिसे पतंगबाजी (Kite Flying) के साथ मनाया जाता था।
नया कानून और उसके प्रभाव : नए कानून के तहत, पतंग उड़ाने और बनाने वालों पर भारी जुर्माना और कठोर सजा का प्रावधान है। उल्लंघन करने वालों को 3 से 5 साल तक की जेल और 20 लाख पाकिस्तानी रुपए (लगभग $7,200) तक का जुर्माना हो सकता है। पतंग और मांझा (Manjha) बनाने वालों के लिए सजा और जुर्माना और भी सख्त है – 7 साल तक की जेल और 50 लाख पाकिस्तानी रुपए (लगभग $18,000) तक का जुर्माना।
लाहौर में पहले ही लग चुका बैन : पतंग उड़ाने पर पहली बार प्रतिबंध 2005 में पंजाब की राजधानी लाहौर (Lahore) में लगाया गया था। उस समय, धातु और कांच से लेपित मांझे (Glass-Coated String) से कम से कम 11 लोग घायल हो गए थे, जिसमें कई मोटरसाइकिल सवारों और राहगीरों की मौत भी हुई थी। इसके बाद, सरकार ने पतंगबाजी को जनता के लिए खतरा मानते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया था।
विधेयक का पारित होना : यह विधेयक मंगलवार को पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML) के विधायक मुजतबा शुजा-उर-रहमान (Mujtaba Shuja-ur-Rehman) द्वारा पेश किया गया और बहुमत से पारित हुआ। रहमान ने कहा, “पतंगबाजी के दौरान मांझे से होने वाली घटनाओं ने कई निर्दोष लोगों की जान ले ली है। यह प्रतिबंध जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक आवश्यक कदम है।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं : पंजाब में, खासकर लाहौर में, बसंत त्योहार को बड़े उत्साह से मनाया जाता था। हालांकि, दुर्घटनाओं और हताहतों के कारण सरकार को यह कठोर निर्णय लेना पड़ा। कुछ लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, कहते हैं कि यह जान बचाने के लिए है, जबकि कुछ इसे सांस्कृतिक हानि मान रहे हैं। विरोध करने वालों का मानना है कि सरकार को पतंगबाजी को सुरक्षित बनाने के तरीके ढूंढने चाहिए थे।
यह नया कानून पंजाब में पतंगबाजी की परंपरा को पूरी तरह से खत्म करने की ओर इशारा करता है, लेकिन क्या यह सांस्कृतिक विरासत को पूरी तरह से मिटा देगा या फिर समय के साथ कोई नया समाधान निकलेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।