मुंबई (Mumbai) 20 जनवरी (The News Air): महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाते हुए शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को भाजपा (BJP) ने हटा देने की योजना बना ली है। राउत के अनुसार, शिंदे गुट में एक नए नेता का उदय होने वाला है, जिसे 20 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
राउत ने कहा, “शिंदे इस स्थिति को समझ चुके हैं और अब डिप्टी सीएम पद पर बने रहने को तैयार हो गए हैं।” उन्होंने बताया कि गुट के अंदर बढ़ती असहमति के चलते उदय सामंत (Uday Samant) का नेतृत्व उभर रहा है।
उदय सामंत को 20 विधायकों का समर्थन : संजय राउत ने यह भी कहा कि शिंदे गुट के अंदर उथल-पुथल शुरू हो चुकी है। सामंत को 20 विधायकों का समर्थन मिल रहा है, और जल्द ही शिवसेना शिंदे गुट में नेतृत्व परिवर्तन देखा जा सकता है।
कुछ दिनों पहले उदय सामंत ने दावा किया था कि शिवसेना (यूबीटी) के कई नेता शिंदे गुट के संपर्क में हैं और जल्द ही उनके साथ जुड़ सकते हैं। सामंत ने कहा, “विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद, शिवसेना (यूबीटी) के कई जनप्रतिनिधि हमारे गुट का हिस्सा बन जाएंगे।”
हालांकि, राउत ने सामंत के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी में कोई फूट नहीं है और सबकुछ स्थिर है।
महाविकास अघाड़ी में तनाव बढ़ा? : संजय राउत और कांग्रेस नेता नाना पटोले (Nana Patole) के बीच तीखी बयानबाजी भी सुर्खियों में है। राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) भविष्य में स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने की योजना बना रही है। इस पर नाना पटोले ने पलटवार करते हुए कहा कि राउत के बयान उनकी पार्टी के लिए कोई महत्व नहीं रखते।
पटोले ने कहा, “महाविकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) का गठबंधन स्थिर है, और शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस (Congress), और एनसीपी (NCP) साथ मिलकर आगामी चुनाव लड़ेंगे। राउत के व्यक्तिगत बयान हमारे लिए कोई मायने नहीं रखते।”
शिवसेना में नई राजनीति की आहट? : शिवसेना (यूबीटी) और शिंदे गुट के बीच राजनीतिक खींचतान तेज हो चुकी है। एक तरफ राउत का दावा है कि शिंदे गुट में असहमति बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ शिंदे के समर्थकों का कहना है कि पार्टी मजबूत है।
राउत ने कहा, “भाजपा का उद्देश्य है कि शिंदे को उनके पद से हटाकर नया नेतृत्व खड़ा किया जाए। लेकिन सच्चाई यह है कि शिवसेना का आधार हमेशा उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ रहेगा।”
महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना (शिंदे गुट) और शिवसेना (यूबीटी) के बीच संघर्ष और आरोप-प्रत्यारोप की यह स्थिति नई सियासी चालों की ओर इशारा कर रही है। क्या शिंदे गुट में बदलाव होगा, या यह सिर्फ विपक्षी दलों की रणनीति है? आने वाले दिनों में राजनीतिक तस्वीर और साफ हो सकती है।