नई दिल्ली, 19 जनवरी (The News Air): दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार मुकाबला दिलचस्प हो गया है। निर्वाचन आयोग (Election Commission) के मुताबिक, 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 1,040 उम्मीदवार मैदान में हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) 25 साल के लंबे अंतराल के बाद दिल्ली में अपनी वापसी के प्रयास में जुटी है।
नामांकन और उम्मीदवारों की स्थिति : निर्वाचन आयोग की जानकारी के अनुसार, इस बार चुनाव के लिए 1,522 नामांकन दाखिल किए गए थे। इनमें से 477 नामांकन खारिज कर दिए गए, जिसके बाद मैदान में कुल 1,040 उम्मीदवार बचे।
- 17 जनवरी: नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख थी, और इसी दिन सबसे ज्यादा 680 नामांकन दाखिल किए गए।
- 16 जनवरी: को 500 नामांकन दाखिल हुए।
- नाम वापसी: उम्मीदवार 20 जनवरी तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।
दिल्ली चुनाव: मुख्य दावेदार और उनकी रणनीति
आम आदमी पार्टी (AAP): मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अगुवाई में AAP तीसरी बार सत्ता में लौटने की तैयारी में है। पार्टी ने स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली के मोर्चे पर अपने कार्यों को चुनाव प्रचार का आधार बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP): 25 साल से सत्ता से बाहर रहने के बाद BJP इस बार आक्रामक प्रचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व में पार्टी ने दिल्ली के विकास और कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाया है।
कांग्रेस (Congress): हालांकि कांग्रेस बीते चुनावों में कमजोर रही है, लेकिन वह इस बार राष्ट्रीय राजधानी में अपनी खोई जमीन को वापस पाने के लिए प्रयासरत है।
दिल्ली चुनाव का महत्व
- मतदान की तारीख: दिल्ली में मतदान 5 फरवरी 2025 को होगा।
- मतगणना: नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
- मुकाबला कड़ा है: AAP जहां अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश में है, वहीं BJP इस बार हर हाल में सत्ता हासिल करना चाहती है।
दिल्ली चुनाव में AAP बनाम BJP का जोरदार मुकाबला : 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। दिल्ली की जनता ने पिछले दो चुनावों में AAP को भारी समर्थन दिया था, लेकिन BJP के आक्रामक प्रचार और संगठनात्मक रणनीति से मुकाबला कड़ा हो गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार का मुकाबला ऐतिहासिक होने वाला है। जहां AAP सत्ता में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है, वहीं BJP और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 8 फरवरी को जनता का फैसला किसके पक्ष में जाता है।