बरेली (Bareilly)19 जनवरी (The News Air): कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं। बरेली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (Bareilly District Court) ने जाति जनगणना (Caste Census) पर की गई उनकी टिप्पणियों को लेकर तीसरी बार समन जारी किया है। यह मामला उनके लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए बयानों से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने जातीय आधार पर संसाधनों के बंटवारे की बात की थी।
क्या है मामला? : याचिकाकर्ता पंकज पाठक (Pankaj Pathak) ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी के बयानों से देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इस मामले में पहले एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद इसे जिला अदालत में दायर किया गया, जहां कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को समन भेजा।
राहुल गांधी का बयान: राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर उनकी पार्टी केंद्र में सरकार बनाती है, तो वह एक “विस्तृत वित्तीय और जातीय सर्वेक्षण (Comprehensive Financial and Caste Survey)” कराएगी। इसके तहत संसाधनों और कल्याणकारी योजनाओं का बंटवारा हर जाति की आबादी के अनुपात में सुनिश्चित किया जाएगा।
उनका नारा “जितनी आबादी, उतना हक” इस अभियान का मुख्य हिस्सा था। यह बयान तुक्कुगुडा (Tukkuguda) में एक चुनावी सभा के दौरान दिया गया था।
क्या कहती है याचिका? : याचिकाकर्ता का दावा है कि इस प्रकार के बयान से देश में जातीय तनाव बढ़ सकता है और शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। उनका कहना है कि यह मामला केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि देश की सामाजिक संरचना पर प्रभाव डालने वाला है।
कोर्ट का रुख: बरेली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए राहुल गांधी को तीसरी बार समन जारी किया है। कोर्ट का कहना है कि इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी है।
राहुल गांधी पर तीसरे समन का असर: राहुल गांधी पहले ही विभिन्न कानूनी विवादों में घिरे हुए हैं। बरेली कोर्ट का यह समन उनके लिए एक और चुनौती बन सकता है।
जाति जनगणना पर राहुल गांधी के बयान ने राजनीतिक विवाद को नई दिशा दे दी है। बरेली कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है, और तीसरे समन के बाद यह देखना होगा कि राहुल गांधी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। उनके बयान से जुड़े सवाल न केवल राजनीतिक मंच पर गूंज रहे हैं, बल्कि सामाजिक मुद्दों को भी नई बहस की ओर ले जा रहे हैं।