नई दिल्ली (New Delhi), 18 जनवरी (The News Air): सरकार संसद के आगामी बजट सत्र (Budget Session) में एक बिल्कुल नया आयकर कानून पेश करने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य पुराने और जटिल आयकर अधिनियम, 1961 (Income Tax Act, 1961) को सरल बनाना और विवादों को कम करना है। यह विधेयक न केवल करदाताओं के लिए ज्यादा स्पष्ट होगा, बल्कि पृष्ठों की संख्या में लगभग 60% की कटौती भी करेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जुलाई 2024 के बजट में इस कानून की समीक्षा की घोषणा की थी। सूत्रों के अनुसार, नया आयकर विधेयक संसद के बजट सत्र 2025 (Budget Session 2025) में पेश किया जाएगा। यह मौजूदा कानून का संशोधन नहीं बल्कि एक पूरी तरह नया प्रारूप होगा।
बजट सत्र और विधेयक की संभावनाएं : बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल 2025 तक प्रस्तावित है।
- पहला चरण (31 जनवरी – 13 फरवरी): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के संबोधन और आर्थिक सर्वेक्षण की प्रस्तुति के साथ शुरू होगा।
- एक फरवरी (1 February): केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा।
- दूसरा चरण (10 मार्च – 4 अप्रैल): इस दौरान विधेयक पेश किया जा सकता है।
आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा : सीबीडीटी (CBDT) ने पुराने आयकर अधिनियम की व्यापक समीक्षा के लिए एक आंतरिक समिति बनाई थी। समिति का उद्देश्य था:
- भाषा का सरलीकरण (Simplification of Language):
- मुकदमेबाजी में कमी (Reduction in Litigation):
- अनुपालन में आसानी (Ease of Compliance):
- अनावश्यक प्रावधानों को हटाना (Elimination of Redundant Provisions):
इसके लिए आयकर विभाग ने हितधारकों से 6,500 सुझाव प्राप्त किए और 22 विशेष उप-समितियां स्थापित कीं।
नए कानून के संभावित फायदे
- संक्षिप्त और स्पष्ट: प्रावधानों की संख्या और अध्यायों में कमी।
- 60% सरल कानून: भाषा और प्रक्रिया को समझने में आसानी।
- विवाद-मुक्त कराधान: करदाताओं को अधिक निश्चितता।
- पुराने प्रावधान हटाए जाएंगे: अप्रचलित धाराएं और अध्याय हटाने पर जोर।
यह नया कानून भारत के कराधान ढांचे में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रहा है। इससे न केवल सरकार की आयकर संग्रह प्रणाली को आधुनिक बनाया जाएगा, बल्कि करदाताओं के लिए भी एक स्पष्ट और विवाद-मुक्त प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
बजट सत्र 2025 में इस कानून का पेश होना कराधान इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।