यरुशलम (Jerusalem), 18 जनवरी (The News Air): इस्राइल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच गाजा (Gaza) में 15 महीने से जारी हिंसक संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने शनिवार को संघर्ष विराम समझौते (Ceasefire Agreement) को मंजूरी दे दी। इस फैसले से बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता के लिए रास्ता साफ हो गया है।
इस समझौते की मध्यस्थता कतर (Qatar) और अमेरिका (USA) ने की है। हालांकि, नेतन्याहू ने इस प्रक्रिया में उत्पन्न जटिलताओं के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया। “यह समझौता गाजा में तबाही और जान-माल के भारी नुकसान को रोकने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है,” नेतन्याहू ने कहा।
बंधकों की रिहाई और संघर्ष विराम के मुख्य बिंदु
- पहले चरण में 33 बंधकों की रिहाई:
इस्राइली अधिकारियों ने कहा कि समझौते के पहले चरण में 33 इस्राइली बंधकों को रिहा किया जाएगा। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कितने जीवित हैं। - फलस्तीनी बंदियों की रिहाई:
संघर्ष विराम के दौरान इस्राइल ने 95 फलस्तीनी कैदियों (Palestinian Prisoners) की रिहाई की घोषणा की है। न्याय मंत्रालय के अनुसार, ये सभी युवा या महिलाएं हैं। - मानवीय सहायता में वृद्धि:
गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए नए रास्ते खोले जाएंगे।
यहूदी सब्बाथ और कैबिनेट की अहम बैठक : यह निर्णय यहूदी सब्बाथ (Sabbath) की शुरुआत के बाद लिया गया, जो इस अवसर की गंभीरता को दर्शाता है। सब्बाथ यहूदी धर्म में शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक का समय है, जिसे पूजा और विश्राम के लिए समर्पित किया जाता है।
मानवीय संकट और उम्मीद की किरण : गाजा में लंबे संघर्ष के कारण हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। इस संघर्ष विराम से न केवल बंधकों की रिहाई होगी, बल्कि यह शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हो सकता है।