चंडीगढ़ (Chandigarh), 17 जनवरी (The News Air): हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए 370 ‘भ्रष्ट’ पटवारियों (Patwari) और उनके 170 सहायकों की सूची जारी की है। यह कार्रवाई राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा की गई, जिसमें जमीन से जुड़े कार्यों में रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप शामिल हैं।
पटवारियों पर क्या हैं आरोप? : इन पटवारियों पर जमीन की पैमाइश (Measurement), गिरदावरी (Crop Inspection), इंतकाल (Mutation) और रिकॉर्ड सही करने के नाम पर घूस लेने के आरोप हैं। सूत्रों के मुताबिक, खुफिया विभाग (CID) ने फील्ड में लंबे समय तक जांच कर इन नामों को तय किया।
इस लिस्ट में पटवारियों और उनके सहायकों के नाम, उनके द्वारा मांगे जाने वाले पैसों की रेंज और जातीय जानकारी भी दी गई है। इस कदम से भ्रष्टाचारियों पर प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।
कैथल (Kaithal) और सोनीपत (Sonipat) में सबसे ज्यादा मामले : सरकार की जारी लिस्ट के अनुसार, सबसे अधिक भ्रष्ट पटवारी कैथल और सोनीपत जिलों से हैं।
- कैथल: 46 पटवारी और 7 सहायक
- सोनीपत: 41 पटवारी और 15 सहायक
वहीं पंचकूला (Panchkula) जिला एकमात्र ऐसा है, जहां कोई भी नाम सामने नहीं आया है।
निजी कार्यालय और पैसे की डील : जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कई पटवारियों ने अपने निजी कार्यालय (Private Office) बना रखे हैं, जहां वे अपने सहायकों के माध्यम से डील करते हैं। कई मामलों में घूस का पैसा भी इन्हीं सहायकों के जरिए लेन-देन किया गया।
सरकार की जीरो टोलरेंस नीति : हरियाणा के राजस्व मंत्री विपुल गोयल (Vipul Goel) ने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सरकार जीरो टोलरेंस नीति पर काम कर रही है। जिन पटवारियों के नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। तहसीलों से भी रिपोर्ट मांगी गई है, और आने वाले दिनों में यह मुहिम और तेज होगी।”
पटवारी एसोसिएशन ने जताया विरोध : पटवारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर सिंह चहल (Jaiveer Singh Chahal) ने इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताया। उन्होंने कहा, “सरकार ने बिना सबूत के यह लिस्ट जारी की है, जो मानवता और संविधान के खिलाफ है। जल्द ही एसोसिएशन की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय करेंगे।”
कैथल, सोनीपत के बाद गुरुग्राम (Gurugram) में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार : गुरुग्राम में 27 पटवारी और 26 सहायकों के नाम सामने आए हैं, जो सूची में तीसरे स्थान पर है।
पूरी सूची निम्नलिखित है:
“क्या सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार खत्म कर पाएगा या यह भी एक राजनीतिक ड्रामा बनकर रह जाएगा? पढ़ते रहिए ताजा अपडेट्स के लिए!”