नई दिल्ली (New Delhi)15 जनवरी (The News Air): दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए नरेला (Narela) और हरिनगर (Hari Nagar) विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों में बदलाव किया है। आखिरी समय में हुए इस बदलाव ने राजनीति गलियारों में हलचल मचा दी है।
पार्टी ने नरेला सीट से दिनेश भारद्वाज (Dinesh Bhardwaj) की जगह मौजूदा विधायक शरद चौहान (Sharad Chauhan) को टिकट दिया है। वहीं, हरिनगर सीट पर राजकुमारी ढिल्लों (Rajkumari Dhillon) की जगह सुरिंदर सेतिया (Surinder Setia) को प्रत्याशी बनाया गया है।
नरेला: शरद चौहान को दोबारा मौका : AAP ने नरेला से पहले दिनेश भारद्वाज को टिकट दिया था, लेकिन अब पार्टी ने अपनी रणनीति बदलते हुए मौजूदा विधायक शरद चौहान को मैदान में उतारा है। शरद चौहान नरेला में जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं और पार्टी को उम्मीद है कि उनकी मजबूत पकड़ से यह सीट बरकरार रखी जा सकेगी।
हरिनगर: सुरिंदर सेतिया को मैदान में उतारा : हरिनगर सीट पर राजकुमारी ढिल्लों की जगह सुरिंदर सेतिया को टिकट देना एक चौंकाने वाला फैसला है। सुरिंदर सेतिया को पार्टी का वफादार और जनता के बीच मजबूत पकड़ वाला चेहरा माना जाता है।
AAP के सूत्रों का कहना है कि यह बदलाव स्थानीय समीकरण, ग्राउंड रिपोर्ट और मतदाताओं की पसंद को ध्यान में रखकर किया गया है।
चुनाव में रणनीतिक बदलाव का कारण? : पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, यह बदलाव दिल्ली में AAP की जीत सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं।
- स्थानीय नेताओं की लोकप्रियता: ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर उन उम्मीदवारों को बदला गया है जो जनता के बीच अधिक प्रभावी हैं।
- सत्ता बरकरार रखने की कोशिश: दोनों सीटों पर कड़ी टक्कर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।
- चुनावी समीकरण: हर क्षेत्र में जातीय, सामाजिक और स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार बदले गए।
दिल्ली चुनाव में AAP की स्थिति : 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता हासिल की थी। इस बार भी पार्टी दिल्ली में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
AAP का फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी जैसे मुद्दों पर है। वहीं, विपक्षी दल बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) भी इस बार मजबूत चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषण:
- शरद चौहान की वापसी: नरेला में शरद चौहान की लोकप्रियता और उनके पिछले कार्यकाल की सफलता को देखते हुए पार्टी को उनसे काफी उम्मीदें हैं।
- सुरिंदर सेतिया का चुनाव: हरिनगर में सुरिंदर सेतिया का टिकट मिलना पार्टी की नई रणनीति का संकेत है।
AAP के लिए चुनौती और उम्मीदें : आम आदमी पार्टी के ये बदलाव चुनावी गणित को कितना प्रभावित करेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। इन उम्मीदवारों को अब न सिर्फ अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करना होगा, बल्कि पार्टी की उम्मीदों पर भी खरा उतरना होगा।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी का यह अंतिम समय का बदलाव पार्टी की रणनीति का हिस्सा है। जनता और चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए किए गए ये फैसले क्या AAP की सत्ता बरकरार रख पाएंगे? यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।