जोधपुर (Jodhpur)15 जनवरी (The News Air): आसाराम (Asaram), जो एक समय स्वयंभू संत के तौर पर करोड़ों अनुयायियों का विश्वास रखते थे, 11 साल की जेल के बाद अब अंतरिम जमानत पर बाहर आए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने 2013 के दुष्कर्म मामले में उन्हें 31 मार्च 2025 तक की जमानत दी है। उनके अनुयायियों में खुशी की लहर है, लेकिन अदालत ने जमानत के साथ सख्त शर्तें लगाई हैं।
जमानत की सख्त शर्तें: क्या-क्या करना होगा पालन? : आसाराम की जमानत कई शर्तों के साथ आई है, जो उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखती हैं:
- सार्वजनिक सभा या प्रवचन पर प्रतिबंध – आसाराम किसी भी तरह की भीड़ या प्रवचन नहीं कर सकते।
- अनुयायियों से दूरी – देशभर में अपने अनुयायियों से संपर्क करने पर रोक।
- खुफिया पुलिस की निगरानी – उनकी हर गतिविधि पर तीन पुलिसकर्मी नजर रखेंगे, जिनका खर्च उन्हें खुद उठाना होगा।
- केवल चिकित्सा के लिए यात्रा की अनुमति – इलाज के अलावा कोई स्वतंत्र यात्रा नहीं।
2013 का केस और उम्रकैद की सजा : आसाराम पर 2013 में अपने जोधपुर आश्रम (Jodhpur Ashram) में एक नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप था। अप्रैल 2018 में उन्हें उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई गई थी।
प्रयागराज और अयोध्या जाने की चर्चा : सूत्रों के अनुसार, आसाराम ने प्रयागराज (Prayagraj) में महाकुंभ के दौरान संगम स्नान और अयोध्या (Ayodhya) में रामलला के दर्शन की इच्छा जताई है। हालांकि, अदालत की शर्तों के चलते उनकी यह योजना पूरी होगी या नहीं, यह सवाल बना हुआ है।
आसाराम के अनुयायियों का उत्साह और चुनौतियाँ : जमानत के बाद देर रात जब आसाराम अपने पाल गांव (Pal Village) स्थित आश्रम लौटे, तो उनका स्वागत फूल-मालाओं और जयकारों के साथ किया गया। हालांकि, अदालत की शर्तें उनके अनुयायियों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती हैं।
जमानत क्यों मिली? : आसाराम को यह जमानत चिकित्सा आधार (Medical Grounds) पर दी गई है। कोर्ट ने माना कि वे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और उन्हें बेहतर इलाज की आवश्यकता है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी एक अन्य दुष्कर्म मामले में उन्हें चिकित्सा राहत दी थी।
आसाराम की जेल से रिहाई उनके अनुयायियों के लिए जहां एक राहत है, वहीं उनकी गतिविधियों पर अदालत और पुलिस की सख्त नजर बनी रहेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि आसाराम अदालत की शर्तों का पालन करते हैं या नहीं, और जमानत अवधि के दौरान उनकी योजनाएं क्या मोड़ लेती हैं।