European Space Agency – ESA: यूरोपियन स्पेस एजेंसी के स्पेसक्राफ्ट BepiColombo ने बुध ग्रह से केवल कुछ सौ किलोमीटर की दूरी से गुजरते हुए तस्वीरें खींची हैं। ये तस्वीरें न केवल ग्रह की भौगोलिक संरचना को दिखाती हैं, बल्कि उत्तरी ध्रुव पर बर्फीले क्रेटर्स (Ice-filled craters) में जमे हुए पानी की मौजूदगी के संकेत भी देती हैं।
BREAKING 🚨: We have new images of Mercury from BepiColombo’s flyby yesterday pic.twitter.com/yWOe0FRWwU
— Latest in space (@latestinspace) January 10, 2025
BepiColombo का मिशन: क्या मिला बुध पर? : BepiColombo, जो ESA और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) का संयुक्त मिशन है, बुध के करीब से अपना 6वां और अंतिम फ्लाइबाय (Flyby) पूरा कर चुका है। स्पेसक्राफ्ट द्वारा भेजी गई तस्वीरों ने वैज्ञानिकों को रोमांचित कर दिया है:
- उत्तरी ध्रुव की तस्वीरें: बर्फीले क्रेटर्स (Ice Craters) के तल स्थायी छाया में ढके हुए हैं।
- सतह की चमक: बुध की सतह पर अनंत मैदान सूर्य की तीव्र रोशनी में चमक रहे हैं।
- डार्क क्रेटर्स: ESA के अनुसार, इन क्रेटर्स में जमे हुए पानी (Frozen Water) की संभावना है।
बुध ग्रह का अनोखा रहस्य : बुध (Mercury) सूर्य से सिर्फ 58 मिलियन किलोमीटर दूर है। इसके बावजूद, इसके उत्तरी ध्रुव पर क्रेटर्स सौरमंडल के सबसे ठंडे स्थानों में से एक माने जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन क्रेटर्स की छाया में पानी जमे हुए रूप में मौजूद हो सकता है।
ESA के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर (Josef Aschbacher) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन तस्वीरों को जारी करते हुए कहा,
“यह खोज इस बात का सबूत हो सकती है कि बुध जैसे गर्म ग्रह पर भी पानी के संकेत मिल सकते हैं।”
स्पेसक्राफ्ट की टेक्नोलॉजी : BepiColombo को Stevenage (UK) स्थित Astrium (अब Airbus) द्वारा डिजाइन किया गया है।
इसकी उन्नत तकनीक में शामिल हैं:
- Monitoring Camera (M-CAM 1): जिसने बुध की सतह और क्रेटर्स की तस्वीरें खींचीं।
- इनोवेटिव पथ: यह 2026 में बुध की कक्षा में प्रवेश करेगा और तब और गहराई से खोजबीन करेगा।
बुध पर खोज के उद्देश्य : BepiColombo मिशन के मुख्य उद्देश्य:
- बुध की भूगर्भीय संरचना का अध्ययन: ग्रह पर चट्टानों की पतली परत और उसके विशाल लौह कोर (Iron Core) के रहस्य को समझना।
- पानी की मौजूदगी की पुष्टि: 2026 में ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर स्पेसक्राफ्ट बर्फीले पानी के संकेतों को गहराई से जांचेगा।
- ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन: बुध के अनोखे चुंबकीय क्षेत्र के रहस्य को उजागर करना।
बुध की कक्षा में प्रवेश 2026 में : स्पेसक्राफ्ट अब बुध की कक्षा में 2026 में प्रवेश करेगा। तब तक यह सूर्य और बुध के बीच के गुरुत्वाकर्षण बलों का उपयोग करके अपनी गति को नियंत्रित करेगा। इसके बाद यह ग्रह के लौह कोर, भूगर्भीय संरचना और पानी की मौजूदगी के रहस्य को सुलझाने के लिए और गहन अध्ययन करेगा।
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