अयोध्या (Ayodhya), 11 जनवरी (The News Air): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अयोध्या के दिव्य और भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) में रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। यह अवसर भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और आध्यात्मिक विरासत के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष से बना यह मंदिर हमारी संस्कृति और अध्यात्म की महान धरोहर है। मुझे विश्वास है कि यह दिव्य-भव्य राम मंदिर विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में एक… pic.twitter.com/DfgQT1HorT
— Narendra Modi (@narendramodi) January 11, 2025
प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर संदेश साझा करते हुए कहा: “सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष के बाद बना यह मंदिर हमारी संस्कृति और अध्यात्म की महान धरोहर है। मुझे विश्वास है कि यह दिव्य-भव्य राम मंदिर विकसित भारत (Developed India) के संकल्प की सिद्धि में एक बड़ी प्रेरणा बनेगा।”
राम मंदिर: भारतीय संस्कृति का गौरव : राम मंदिर का निर्माण भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह मंदिर सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था और संघर्ष का परिणाम है।
- स्थान: श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi), अयोध्या (Ayodhya), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)।
- निर्माण का उद्देश्य: भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को संरक्षित करना।
- विशेषताएं:
- यह मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- इसमें भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां विराजमान हैं।
- मंदिर परिसर को दिव्य और पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल बनाया गया है।
पीएम मोदी का संदेश: प्रेरणा और संकल्प: प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि राम मंदिर भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ (Developed Nation) बनाने की दिशा में प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने इसे त्याग, तपस्या और संघर्ष का प्रतीक बताया। “राम मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक के लिए गर्व का विषय है। यह मंदिर आने वाली पीढ़ियों को हमारी संस्कृति और इतिहास की सीख देगा।”
राम मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक संदर्भ
- सालों का संघर्ष: मंदिर का निर्माण सदियों की लड़ाई और अदालत के फैसलों का परिणाम है।
- भूमिपूजन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के निर्माण का शुभारंभ किया था।
- प्राण प्रतिष्ठा: 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई, जिसे देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं ने एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा।
रामलला मंदिर और भारतीय समाज : राम मंदिर भारत के हर वर्ग के लिए एकता और समर्पण का संदेश है। यह मंदिर हिंदू धर्म और भारत की प्राचीन सभ्यता के गौरव का प्रतिनिधित्व करता है। इसके उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा ने न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
भव्य राम मंदिर: पर्यटन और आर्थिक विकास का केंद्र: अयोध्या, जो पहले से ही धार्मिक पर्यटन का केंद्र थी, अब विश्वस्तर पर पहचान बना रही है।
- पर्यटन में वृद्धि: लाखों श्रद्धालु हर महीने रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आ रहे हैं।
- स्थानीय रोजगार और व्यापार में भारी वृद्धि हुई है।
- आर्थिक विकास: मंदिर निर्माण ने क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नया जीवन दिया है।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सिर्फ एक धार्मिक घटना नहीं, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी का संदेश इस बात की याद दिलाता है कि कैसे यह मंदिर देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
अब, जब यह मंदिर भारतीय गौरव का केंद्र बन चुका है, तो यह हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि वह इस प्रेरणा से प्रेरित होकर देश को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर अग्रसर करे।