मुंबई (Mumbai), 08 जनवरी (The News Air): भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने 7 जनवरी 2025 को नौसेना डॉकयार्ड (Naval Dockyard), मुंबई में आयोजित एक विशेष समारोह में LSAM-14 (Yard 82) को अपनी सेवाओं में शामिल किया। यह मिसाइल कम एम्युनिशन बार्ज (Missile Cum Ammunition Barge) श्रेणी का सातवां बोट है, जो नौसेना के परिचालन कार्यों को और मजबूती प्रदान करेगा।
इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कमांडर गौरव डूगर (Commander Gaurav Duggar), जीएम (एचआर), एनडी (एमबीआई) मौजूद थे।
स्वदेशी निर्माण की मिसाल: LSAM-14 का निर्माण विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) स्थित MSME शिपयार्ड मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (M/s Secon Engineering Projects Pvt. Ltd) द्वारा किया गया है।
- डिजाइन: भारतीय शिप डिजाइनिंग फर्म के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन।
- समुद्री परीक्षण: इसकी समुद्री योग्यता नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL), विशाखापत्तनम में सफलतापूर्वक मॉडल परीक्षण के बाद प्रमाणित की गई।
- निर्माण नियमावली: भारतीय नौवहन रजिस्टर (Indian Register of Shipping – IRS) के नौसेना नियमों के अनुसार।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का ध्वजवाहक: एमसीए बार्ज (MCA Barges) भारत सरकार की मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) पहल का सशक्त प्रतीक हैं।
- भारतीय नौसेना के आठ एमसीए बार्ज में से छह पहले ही शामिल किए जा चुके हैं।
- ये बार्ज जेटी और बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों तक सामग्री और गोला-बारूद ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- MSME को प्रोत्साहित करना और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देना भारतीय नौसेना की प्राथमिकता है।
परिचालन शक्ति को मजबूती: नए मिसाइल बोट LSAM-14 की डिलीवरी भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को और सशक्त बनाएगी। यह बार्ज विशेष रूप से गोला-बारूद (Ammunition) और अन्य सामग्रियों को तटीय और बाहरी बंदरगाहों पर लाने-ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके साथ:
- भारतीय नौसेना की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
- परिचालन समय में सुधार होगा।
मुख्य बातें (Quick Facts):
- निर्माण अनुबंध: 19 फरवरी 2021 को MSME शिपयार्ड, विशाखापत्तनम के साथ।
- समुद्री परीक्षण: नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL), विशाखापत्तनम में।
- डिलीवरी: LSAM-14, Yard 82, भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला सातवां बार्ज।
भारतीय नौसेना द्वारा LSAM-14 को शामिल करना न केवल नौसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ावा देगा, बल्कि यह भारत की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल की दिशा में एक और बड़ा कदम है। यह परियोजना स्वदेशी निर्माण, नवाचार और MSME क्षेत्र को समर्थन देने के भारतीय सरकार के संकल्प को भी उजागर करती है।